ईरान-इस्राइल और अमेरिका द्वारा युद्ध में प्रवेश करने और ट्रंप टैरिफ की समय सीमा समाप्त होने जैसे तमाम वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से घरेलू शेयर बाजार से लेकर कमोडिटी बाजार और सोने-चांदी तक में हलचल देखने को मिल रही है। ईरान-इस्राइल युद्ध की वजह से सोने-चांदी की कीमतें अपने उच्च स्तर पर बनी हुईं है। जिसकी वजह से सर्राफा बाजार में ग्राहकी नहीं है। उपभोक्ता सोने के गहनों की खरीदारी करने के बजाए पुराने सोने की रिसाइकलिंग कर रहे हैं, यानी पुराने सोने के आभूषण, सिक्के और बार को रिसाइकलिंग कर उसकी जगह नए आभूषण नहीं तो उसके एवज में नकद राशि को अपने पास रख रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अनिश्चितता के इस दौर में लोग सोना और कैश पर अधिक भरोसा कर रहे हैं।
बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुमार जैन कहते हैं, सोने और चांदी की उच्च कीमतें रिटेल निवेशक और आम उपभोक्ता के लिए पहुंच के बाहर हो चुकी हैं। युद्ध की स्थिति ने बाजार में ग्राहकी को समाप्त कर दिया है। मुंबई के सर्राफा बाजार में खरीदारी नहीं है। थोड़ी बहुत जो खरीदारी देखी जा रही है, वो हल्के गहनों में है। लेकिन पुराने सोने के आभूषणों या फिर सिक्कों को रिसाइकलिंग कर नया आभूषण लेना या फिर कैश लेना का नया चलन देखा जा रहा है। जिसमें 20 प्रतिशत तक उपभोक्ता पुराने आभूषणों के बदले नए आभूषण खरीद रहे हैं। इसके अलावा सोने के सिक्कों और बार को भी रिसाइकल कर आभूषण खरीदे जा रहे हैं। यह खरीदारी विशेषर उपभोक्ता भविष्य में उनके बच्चों की शादी ब्याह को देखते हुए कर रहे हैं, क्योंकि भविष्य में सोने की कीमतें और अधिक बढ़ने की संभावना है।
होलसेल गोल्ड ज्वेलरी एसोसिएशन के महेश बाफना बताते हैं, सोने और चांदी कीमतें उच्च स्तर पर होने की वजह से बाजार में ग्राहक नहीं आ रहे हैं। ज्वेलर्स भी अपने स्टॉक को नहीं बढ़ा रहे हैं, उनके पास पुराना गोल्ड लेकर उपभोक्ता आ रहे और उसको बदल कर नया ले रहे हैं। जिसमें बाजार को मुनाफा नहीं हो रहा है। छोटे ज्वेलर्स फिलहाल अपना स्टॉक नहीं बढ़ा रहे हैं। घरेलू बाजार में वैसे भी मानसून में ग्राहकी कम हो जाती है, लेकिन वर्तमान में मिडल ईस्ट में युद्ध की स्थिति जो अब बड़ा रूप ले रहा है, उसकी वजह अनिश्चितता और बढ़ गई है। जिसकी वजह से सोने और चांदी की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि यह खरीदारों की पहुंच से बाहर हैं। हमें उम्मींद है कि अगस्त से त्योहारी सीजन शुरू होगा, जिसके बाद से बाजार में खरीदारी बढ़ने की संभावना है।
दिवाली तक के लिए कीमतों पर क्या है अनुमान?
सोने के भाव सप्ताह के पहले दिन 1,00,000 रुपये के ऊपर ही कारोबार करता दिखा, हालांकि इसमें 50 रुपये की गिरावट बाद में देखने को मिली। ईरान-इस्राइल युद्ध की वजह सोना अपने उच्चतम स्तर पर के आसपास ही बना हुआ है। वहीं चांदी में भी चमक देखने को मिली, चांदी 1,09,800 रुपये प्रति किलो पर देखी गई। कमोडिटी विशेषज्ञों का कहना है कि, चांदी कीमतों में तेजी बनी रहेगी। दिवाली तक चांदी कीमते 1,20,000 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंचने की संभावना है। इसलिए चांदी में निवेश किया जा सकता है। फिलहाल 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,00,000 रुपये प्रति दस ग्राम पर है, तो 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 98488 रुपये प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रही थी।