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‘कोई बदलाव नहीं हमारी नीति में’, अमेरिका को यूएन में आए प्रस्ताव पर क्यों देनी पड़ी इस्राइल को सफाई, जानें

अमेरिका और इस्राइल के रिश्तों में खटास नजर आ रही है। दरअसल, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपना अमेरिका का दौरा रद्द कर दिया है। इस पर व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय से यह संकेत मिलता प्रतीत होता है कि अमेरिका बदल गया है, जबकि ऐसा कुछ नहीं है।

गौरतलब है, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में गाजा और इस्राइल के बीच तत्काल युद्धविराम का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव पारित हुआ था। इस प्रस्ताव में सात अक्तूबर को हमास द्वारा अचानक से इस्राइस पर हमले के दौरान बंधक बनाए गए सभी लोगों की रिहाई की भी मांग की गई है। अमेरिका इस प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहा। अमेरिका के इस रुख को लेकर इस्राइल ने नाराजगी जताई। नेतन्याहू ने सोमवार को अमेरिका की प्रस्तावित यात्रा रद्द करने का एलान किया। इसके बाद अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि दोनों देशों के बीच खटास आ गई है। 

हमारी नीति में किसी बदलाव का प्रतिनिधित्व नहीं करता
जब किर्बी से पूछा गया कि नेतन्याहू के दौरे के रद्द करने पर राष्ट्रपति जो बाइडन की क्या प्रतिक्रिया है, तो उन्होंने कहा, ‘हम इससे हैरान हैं। कुछ बातें सामने रखने की जरूरत है और वास्तव में इन्हें फिर से दोहराना चाहिए। सबसे पहली बात यह गैर बाध्यकारी संकल्प है। इसलिए इस्राइल या हमास के साथ चल रही लड़ाई पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। दूसरी बात यह है कि जैसा मैंने शुरू में ही कहा था कि यह हमारी नीति में किसी बदलाव का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।’

हमें यह तय करना है कि हमारी नीति क्या
उन्होंने आगे कहा, ‘हम यहां क्या करना चाहते हैं यह हम पहले ही कह चुके हैं और उसी के साथ खड़े हुए हैं। हमें यह तय करना है कि हमारी नीति क्या है। इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय से यह संकेत मिला है कि यहां कुछ बदलाव हुआ है, जबकि ऐसा नहीं किया गया है। हालांकि, हमें यह तय करना है कि हमारी नीति क्या है। नेतन्याहू का ऐसा करना दिखाता है कि वह कुछ भी धारणा बना रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं है। हमारी नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।’

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