उत्तर प्रदेश: गाज़ीपुर बॉर्डर क़िले में तब्दील हुआ, किसान आंदोलन एक बार फिर उग्र रूप ले रहा है। अब दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड हिंसा के बाद गाँवों की पंचायतों का दौर शुरू हो चूका है। जहाँ इन पंचायतों का मुख्य उद्देश्य अब इस किसान आंदोलन को धार देना है। किसान पूरी मजबूती से एक बार फिर गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं।
निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ क्लिक करे
दिल्ली में फिर घुसने की आशंका
वहीं दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को प्रदेश में गाज़ीपुर बॉर्डर से घुसने से रोकने के लिए तैयारियां अब और सख्त कर रखी हैं। अब तो पुलिस को यह भी आशंका है कि आगामी एक फरवरी को बजट सत्र के दौरान किसान एक बार फिर से दिल्ली की तरफ कूच कर सकते हैं। इसी वजह से बॉर्डर पर 12 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है।
अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ क्लिक करें
क़िले में तब्दील गाज़ीपुर बॉर्डर
दरअसल गाजीपुर बॉर्डर को बीते दो दिनों में हुए घटनाओं के बाद अब किले में तब्दील कर दिया गया है। किसानों के रोज बढ़ते संख्या बल को देखते हुए अब गाजीपुर बॉर्डर पर रातोरात 12 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है। इसके साथ ही यहाँ नुकीले तार भी लगाए गए हैं। NH 24 अब पूरी तरह से बंद है। इसके साथ ही नोएडा सेक्टर 62 से अक्षरधाम जाने वाले रास्ते को भी पूरी तरह बंद किया गया है।
“MA news” app डाऊनलोड करें और 4 IN 1 का मजा उठायें + Facebook + Twitter + YouTube.
पीएम मोदी के फ़ोन कॉल वाले बयान का स्वागत
इधर PM नरेंद्र मोदी की ओर से किसानों और मेरे बीच बस एक कॉल की दूरी वाले बयान पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कहा है, हम उसका स्वागत करते हैं, पर हमारी तो बस यही मांग है कि तीनों काले कानून वापस लिए जाएं और MSP पर एक कानून बनाया जाए।” इसको वापस लेनें में सरकार कि ऐसी क्या मजबूरी है हमें समझ नहीं आ रहा।”