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गाजा में 40 वर्षों की सबसे बड़ी जनहानि जंग के दौरान, 20 हजार लोगों की जान गई; 1200 इस्राइलियों की भी मौत

हमास और इस्राइल के बीच दो माह से अधिक समय से जंग जारी है। युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हजारों लोगों की मौत हो गई है। जहां इस्राइल ने हमास को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया है। वहीं, अब आतंकी समूह भी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। फिलहाल न तो जंग की रफ्तार कम हो रही है और न ही लोगों की जान की परवाह की जा रही है। इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 10 हफ्ते से जारी इस्राइल हमास युद्ध के दौरान मारे गए गाजा के निवासियों की संख्या ने 40 साल से अधिक वर्षों का रिकॉर्ड पीछे छोड़ दिया है। यह संख्या 1948 में इस्राइल की स्थापना के बाद से लेकर अबतक इस देश से भिड़ने वाले किसी भी अरब संघर्ष में मारे जाने वालों की संख्या पार कर गई है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि मरने वालों की संख्या 20 हजार के करीब हो गई है। यह संख्या 1982 में इस्राइल के हमले में लेबनान में मारे गए लोगों से काफी अधिक है। हालांकि, गाजा के अधिकारियों का मानना है कि मरने वालों की गिनती करना चुनौतीपूर्ण है। कुछ सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान या इराक में अमेरिका के नेतृत्व में होने वाले युद्धों की तुलना में इस जंग में सबसे तेजी से लोग मारे गए। 

गाजा के अनुसार, मारे गए 19,667 लोगों में से लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं। गाजा के अधिकारियों ने कभी भी यह नहीं बताया कि मारे गए लोगों में से कितने लड़ाके हैं।

यह युद्ध पहले के किसी भी तुलना में…
इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप थिंक टैंक के लिए गाजा विश्लेषक आजमी केशवी ने कहा कि यह युद्ध पहले के किसी भी तुलना में अधिक डरावना था। उन्होंने कहा कि जंग की शुरुआत होते ही वह और उनका परिवार उत्तरी गाजा में अपने घर से भाग गया था और अब तक छह बार वापस जा चुका है। हालांकि, अभी वे दक्षिणी शहर रफा में संयुक्त राष्ट्र के आश्रय के पास एक शिविर में रह रहे हैं।

यह है मामला
इस्राइली सेना गाजा पर शासन करने वाले सशस्त्र फलस्तीनी समूह हमास को खत्म करने के लिए एक गहन हवाई और जमीनी अभियान में लगी हुई है। गौरतलब है, सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर हमला कर दिया था, जिसमें 250 से अधिक लोगों को आतंकी समूह ने बंधक बना लिया था। वहीं, 1200 से अधिक लोगों की जान गई थी। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास को खत्म करने के लिए हवाई और जमीनी अभियान चलाए। फिलहाल यह युद्ध थमता नहीं दिखाई दे रहा है।

गाजा के लोगों के पास बचने का विकल्प नहीं
गाजा में मरने वालों की संख्या साफ दर्शाती है कि इस्राइल ने हजारों हवाई हमलों, भारी बमों और तोपखाने का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना है। यह छोटा से क्षेत्र है, जो आम नागरिकों से भरा हुआ है और उनके पास भागने का भी रास्ता नहीं है। हालांकि,  इस्राइली सेना का भी लगातार कहना है कि आम नागरिकों की आड़ में हमास के आतंकी छिप रहे हैं। उसका कहना है कि हमास ने अपने लड़ाकों और हथियारों को बचाने के लिए सुरंग बनाई हैं। 

1948 का युद्ध याद आया
इस युद्ध को पहले से ही इस्राइल की स्थापना के बाद से अबतक का फलस्तीनियों के लिए सबसे घातक संघर्ष माना जा रहा है। फलस्तीनी केंद्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, 1948 में इस्राइल की स्थापना के आसपास के युद्ध के दौरान अनुमानित 15,000 फलस्तीनी मारे गए थे। अगर गाजा के आंकड़े सटीक है वर्तमान में मारे गए लोगों को लेकर तो यह संख्या 1982 की जंग के शुरुआती तीन महीनों में मरने वालों से भी कई अधिक है। 

हालांकि, शोधकर्ताओं का कहना है कि लेबनान में मारे गए लोगों की संख्या आज चार दशक बाद भी स्पष्ट नहीं है।

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