जून 2025 में भारत का वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह लगभग ₹1.85 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल जून की तुलना में 6.2% अधिक है। इस बढ़ोतरी को सरकार ने आर्थिक स्थिरता और टैक्स प्रणाली में सुधार का संकेत माना है।
इस महीने का संग्रह भले ही सालाना आधार पर बढ़ा है, लेकिन यह अप्रैल और मई के मुकाबले थोड़ा कम है। अप्रैल 2025 में ₹2.37 लाख करोड़ और मई में ₹2.01 लाख करोड़ का संग्रह हुआ था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह अंतर मौसमी और राजस्व संग्रह के सामान्य उतार-चढ़ाव का हिस्सा है।
जून 2025 में घरेलू लेन-देन से मिला GST ₹1.38 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल की तुलना में 4.6% ज्यादा है। वहीं आयात से GST संग्रह ₹45,690 करोड़ रहा, जिसमें 11.4% की सालाना वृद्धि हुई।
विभिन्न स्रोतों से GST का बंटवारा इस प्रकार रहा: केंद्रीय GST ₹34,558 करोड़, राज्य GST ₹43,268 करोड़, एकीकृत GST ₹93,280 करोड़ और सेस ₹13,491 करोड़।
शुद्ध GST संग्रह (कुल संग्रह में से रिफंड घटाकर) ₹1.59 लाख करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.3% ज्यादा है। वहीं, इस बार ₹25,491 करोड़ के रिफंड जारी किए गए, जो सालाना आधार पर 28.4% की वृद्धि को दर्शाते हैं।
पूरे वित्त वर्ष 2024–25 में देश का कुल GST संग्रह ₹22.08 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.4% अधिक है। यह अब तक का सबसे ऊंचा वार्षिक GST संग्रह माना जा रहा है।
वित्त विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि देश की मजबूत आर्थिक गतिविधियों और टैक्स अनुपालन में सुधार का संकेत देती है। हालांकि, महीने-दर-महीने गिरावट यह भी दर्शाती है कि उपभोक्ता खर्च और बाजार की गति थोड़ी धीमी हो सकती है।