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नेतन्याहू विरोध के बावजूद बोले- रफाह में सैन्य अभियान चलाएंगे, हमास की आतंकवादी बटालियन खत्म होगी

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि जो वैश्विक नेता रफाह में उनकी सेना के अभियान रोकने की कोशिश कर रहे हैं, वे हमास को वहां रखना चाहते हैं। इससे एक दिन पहले नेतन्याहू ने सेना से कहा था कि वह रफाह में हमास के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने के लिए योजना बनाए। 

रफाह दक्षिण गाजा पट्टी का शहर है। जहां अभी गाजा के तेरह लाख लोग रह रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मुताबिक, इस शहर में ज्यादातर वे लोग रह रहे हैं, जो गाजा के अन्य हिस्सों से निकाले गए हैं। नेतन्याहू ने पहले इस शहर को हमास के आतंकवादियों का आखिरी गढ़ बताया था। 

एक अमेरिकी चैनल के साथ इंटरव्यू में नेतन्याहू ने कहा, जो लोग कहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में हमें रफाह में नहीं घुसना चाहिए। दरअसल, वे कह रहे हैं कि युद्ध हार जाओ और हमास को वहां रखो। उन्होंने कहा, हम रफाह में हमास की बची हुई आतंकवादी बटालियन को खत्म करने जा रहे हैं। इसमें मैं अमेरिकी लोगों से सहमत हूं, जो कह रहे हैं कि नागरिक आबादी के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान किया जाना चाहिए। 

इससे पहले, इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में कहा था कि रफाह में हमास की चार बटालियों को खत्म किए बिना आतंकी संगठन को मिटाना असंभव है। दूसरी ओर रफाह में बड़े पैमाने पर अभियान चलाने के लिए युद्ध क्षेत्रों से नागरिक आबादी को निकालने की जरूरत है। बयान में कहा गया था कि यही वजह है कि प्रधानमंत्री ने आईडीएफ और रक्षा प्रतिष्ठान को निर्देश दिया है कि वे कैबिनेट में आबादी की निकासी और हमास की बटालियनों को खत्म करने के दोहरी योजना लाएं। 

फलस्तीनी राष्ट्रपति ने की थी आलोचना
वहीं, फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के कार्यालय ने सैन्य योजना की आलोचना की थी। उन्होंने रफाह से फलस्तीनी नागरिकों की निकासी एक असली खतरा बताया। बयान में कहा गया कि अब समय आ गया है कि हर कोई इस तबाही को रोकने के लिए कदम उठाए। यह पूरे क्षेत्र को अंतहीन युद्ध की ओर धकेल देगा। 

चार महीने से ज्यादा समय युद्ध जारी
इस्राइल और हमास के बीच पिछले साल सात अक्तूबर को युद्ध शुरू हुआ था। हमास के हमलों में करीब 1,200 इस्राइली नागरिक मारे गए थे। जबकि, ढाई सौ इस्राइलियों को बंधक बना लिया गया था। इनमें से कई अब भी बंधक हैं। इसके बाद इस्राइल ने युद्ध का एलान किया और हमास पर पलटवार किया। इस युद्ध में 26 हजार से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। 

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