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पाकिस्तान के बयान के बाद हमलावर हुए मोदी, बोले विपक्षियों की चरम पर थी स्वार्थ की राजनीति, सवाल चुनाव के दौरान ही क्यों आते हैं पाकिस्तानी बयान ?

-रवि जी. निगम

क्योंकर चुनाव के दौरान ही आते हैं ऐसे बयान ? विदित हो कि 2019 के आम चुनाव के दौरान भी ऐसे ही बयान पाकिस्तान से आया था कि पाकिस्तान के लिये कांग्रेस की सरकार से अच्छी व मुफ़ीद है बीजेपी सरकार, तो आखिर क्यों ? इस पर जनता को गौर करना चाहिये कि आखिर ये कौन सी चाल है और किसकी चाल है ? पाकिस्तान की संसद में बयानबाज़ी के बाद पीएम मोदी ने विपक्ष को घेरा…


केवडिया (गुजरात) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पिछले साल पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के सच को पाकिस्तान की संसद में संसद में स्वीकार किया गया।

स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति’
इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जब पूरा देश पुलवामा हमले के बाद दुखी था कुछ लोग ‘‘स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति’’ कर रहे थे।

पाकिस्तान की स्वीकारोक्ति
मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री फवाद चौधरी ने पाकिस्तान की संसद में स्वीकार किया कि 2019 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के लिये उनका देश जिम्मेदार है। इस हमले के बाद दोनों देश जंग के मुहाने पर आकर खड़े हो गए थे।

पुलवामा को देश कभी भूल नहीं सकता
प्रधानमंत्री मोदी यहां देश के पहले गृह मंत्री सरदार बल्‍लभ भाई पटेल की 145वीं जयंती पर ‘स्‍टैचयू ऑफ यूनिटी’ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा, ‘‘आज यहां जब मैं अर्धसैनिक बलों की परेड देख रहा था तो मन में एक और तस्वीर थी। यह तस्वीर थी पुलवामा हमले की। देश कभी भूल नहीं सकता कि जब अपने वीर बेटों के जाने से पूरा देश दुखी था, तब कुछ लोग उस दुख में शामिल नहीं थे।’’

चरम पर थी स्वार्थ की राजनीति
उन्होंने कहा कि देश कभी भूल नहीं सकता कि तब कैसी-कैसी बातें कहीं गईं और कैसे-कैसे बयान दिए गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘देश भूल नहीं सकता कि जब देश पर इतना बड़ा घाव लगा था, तब स्वार्थ और अहंकार से भरी भद्दी राजनीति कितने चरम पर थी।’’ प्रधानमंत्री ने इस प्रकार की राजनीति करने वाले दलों से आग्रह किया कि देश की सुरक्षा के हित में और सुरक्षाबलों के मनोबल के लिए इस प्रकार की राजनीति ना करें।

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