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पाकिस्तान भारत के अधिक सिख-हिंदू तीर्थयात्रियों को लुभाने का प्रयास कर रहा, सरकार कर रही प्रयास

पाकिस्तान के कार्यवाहक धार्मिक मामलों के मंत्री अनीक अहमद ने गुरुवार को भारत के अधिक सिख-हिंदू तीर्थयात्रियों को लुभाने की बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव के कारण हाल के वर्षों में तीर्थयात्रियों की संख्या कम हो गई है। साथ ही बोले कि पाकिस्तान ने भारत से सिख और हिंदू तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

देश में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थानों की देखभाल करने वाले इवेक्यू प्रॉपर्टी ट्रस्ट बोर्ड (ईपीटीबी) के दौरे के दौरान अहमद ने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच एक समझौते के तहत भारत से कम से कम 7,500 सिख और 1,000 हिंदू तीर्थयात्री हर साल पाकिस्तान की यात्रा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि पिछले कई वर्षों के दौरान भारतीय तीर्थयात्रियों की संख्या सहमति से कम है, इसलिए हमने भारत से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने के प्रयास शुरू किए हैं।

पाकिस्तान में दो प्रमुख कार्यक्रम मनाए जाते हैं- बाबा गुरु नानक की जयंती और वैसाखी मेला जिसमें पिछले साल लगभग 5,000 भारतीय सिखों ने भाग लिया था। इसी तरह, पिछले साल हयात पिताफी सिंध प्रांत और पंजाब प्रांत के चकवाल में कटास राज मंदिरों में शिव अवतारी सतगुरु संत सवामी शदाराम साहिब की जयंती मनाने के लिए 300 से भी कम भारतीय हिंदू पिछले साल पाकिस्तान गए थे।

इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंध अगस्त 2019 से तनावपूर्ण हैं जब भारत ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को बदल दिया था। हालांकि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सीमा पार आतंकवाद की नीति खत्म नहीं की जाती तब तक भारत के लिए पड़ोसी देश के साथ सामान्य संबंध रखना संभव नहीं है।

पाकिस्तान के कार्यवाहक मंत्री अहमद ने कहा कि ईटीपीबी ने पिछले साल देश में गैर-मुस्लिम छात्रों को एक करोड़ पाकिस्तानी रुपये की छात्रवृत्ति की पेशकश की थी। साथ ही कहा कि पाकिस्तान की नरम छवि को बढ़ावा देने के लिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ाने के लिए बहुत काम किया जाना है। 

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