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पी एम जीएसटी के लिए आधी रात को संसद सत्र बुला सकते हैं लेकिन अब संसद का सामना करने से भाग रहे हैं : सोनिया गांधी

कांग्रेस अध्यक्षा ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने अपने अंहकार की वजह से लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगा दिया।

दिल्ली – कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम ने अपने अंहकार के लिए लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगा दिया। वो अपने अहंकार के लिए गरीबों के भविष्य को भी नष्ट करने पर तुले हुए हैं। केंद्र द्वारा शीतकालीन सत्र बुलाए जाने की देरी पर भी उन्होंने केंद्र को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार अगामी गुजरात चुनाव की वजह से संसद का सामना करने से बच रही है। जबकि ये महज एक बहाना है।’

कांग्रेस अध्यक्षा के अनुसार मोदी सरकार ने अपने अहंकार की वजह से शीतकालीन सत्र को ना बुलाकर संसदीय लोकतंत्र पर अंधेरा ला दिया है। सरकार अगर सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वो संवैधानिक जवाबदेही से बच निकलेगी तो सरकार का ये सोचना गलत है।

अपने आधिकारिक आवास पर बुलाई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने गरीबों के भविष्य को नष्ट करने का कारण मोदी सरकार की नोटबंदी और जबरन थोपी गई गई जीएसटी को बताया। जबकि कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टी इसे जल्दबाजी और बिना बदलाव के लागू करने वाला टैक्स कह चुकी हैं।

पीएम मोदी पर निशाना साधाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री जीएसटी के लिए आधी रात को संसद सत्र तो बुला सकते हैं लेकिन आज संसद का सामना करने से भाग रहे हैं।’ दरअसल सोनिया गांधी ने इस साल 30 जून, 2017 को संसद के उस सत्र का उदाहरण दिया जो जीएसटी लागू करने के लिए आधी रात को बुलाया गया था। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले साल 1997 में संसद सत्र आधी रात को बुलाया गया था। ये सत्र देश की आजादी के पचास साल पूरे होने की वर्षगांठ पर बुलाया गया था।

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