वाशिंगटन : बड़े फैसले लेने के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शपथ लेते ही सीधे कार्यालय पहुंचे और एक्शन मूड में दिखे। ऑफिस पहुंचते हीं उन्होंने एक के बाद एक ट्रंप के कई निर्णयों को पलटने के साथ ही कुल 17 बड़े फैसले लिए। बाइडेन ने राष्ट्रपति के तौर पर कई ऐसे फैसलों पर भी हस्ताक्षर किया जिसका वादा उन्होंने चुनावी अभियान के दौरान किया था। उन्होंने कोरोना महामारी को नियंत्रित करने और आम लोगों को बड़े स्तर पर आर्थिक सहायता भी देने का ऐलान किया है।
बाइडेन के बड़े फैसले:
क्लाइमेट चेंज को लेकर भी अमेरिका ने वापसी की है। राष्ट्रपति बाइडेन ने बड़े फैसले लिये है कि अमेरिका एक बार फिर से पेरिस जलवायु समझौते में शामिल होंगे। बता दें कि पिछले साल अमेरिका इस समझौते से बाहर हो गया था। जो बाइडेन ने अपने बड़े फैसले व्हाइट हाउस में जाते ही अपना पहला आदेश कोरोना वायरस से संबंधित दिया। अपने निर्णय में उन्होंने कहा कि 100 दिनों तक मास्क अवश्य लगाएं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोबारा डब्ल्यूएचओ में शामिल होने का निर्णय किया है। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना संकट के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से अपना नाता तोड़ लिया था। ट्रंप के इस फैसले पर दुनिया भर में किरकिरी हुई थी. वहीं बाइडेन ने चुनावी अभियान के दौरान वादा किया था कि वो शुरुआती फैसला डब्ल्यूएचओ में वापस आने का ही करेंगे।
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बाइडेन ने मेक्सिको से लगी सीमा पर आपातकाल की घोषणा को वापस ले लिया है इसके अलावा सीमा पर दीवार बनाने के निर्णय और फंडिंग को भी रोका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप के जिन निर्णयों को बदला है उसमें मुस्लिम देशों पर लगाए गए आव्रजन के बैन को हटाना भी शामिल है। बाइडेन ने विदेश मंत्रालय को ट्रंप की नीतियों से प्रभावित हुए देशों के लिए दोबारा वीजा प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए।
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जो बाइडेन ने पहले ही दिन अमेरिकी लोगों को कोरोना वायरस महामारी से जुड़ा राहत पैकेज भी दिया। इसके तहत छात्रों के लोन पेमेंट को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया है।अमेरिकी सीनेट ने गुप्तचर एजेंसी सीआईए की सेवानिवृत्त अधिकारी एवरिल हेन्स को नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक के पद पर तैनात किया गया है। इसी के साथ एवरिल बाइडेन कैबिनेट में मंजूरी पाने वाली पहली मंत्री हैं।
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रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए सभी देशों के लिए तय सीमा को समाप्त कर दिया है। बाइडेन के इस कदम से अमेरिका में हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों को फायदा होगा। वाइडेन अब नया इमिग्रेशन प्लान पेश करेंगे। इस योजना से लाखों ऐसे प्रवासियों को अमेरिकी नागरिकता दिए जाने का रास्ता साफ हो जाएगा जो बिना दस्तावेज के अमेरिका में रह रहे हैं।