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बाइनेंस सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को झटका, दोषी करार आतंकियों के लिए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में

दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाइनेंस को अमेरिका में सिएटल की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग कानूनों का अनुपालन न करने का दोषी करार दिया। प्लेटफॉर्म पर आतंकियों व अपराधियों ने मनी लॉन्ड्रिंग की, कंपनी इसे अनदेखा करती रहीं, ताकि मुनाफा कमाती रहे।

मंगलवार को आए इस आदेश के बाद कंपनी के संस्थापक व सीईओ चांगपेंग झाओ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अमेरिकी सरकार की विभिन्न एजेंसियों से समझौता भी किया, जिसके तहत एजेंसियों को 430 करोड़ डॉलर (35,833 करोड़ रुपए) चुकाए जाएगे। चांगपेंग खुद 5 करोड़ डॉलर अलग से चुकाएंगे। इसके बदले में अमेरिकी न्याय विभाग समझौता कर लेगा, बाइनेंस एक्सचेंज चलता रहेगा।

अमेरिकी राजकोष विभाग ने बयान जारी किया, जिसमें सामने आया कि बाइनेंस पर मनी लॉन्ड्रिंग व अन्य कानूनों के उल्लंघनों के कई आरोप थे। इनमें सबसे प्रमुख था कि उसके प्लेटफॉर्म से अलकायदा और आईएसआईएस के आतंकियों ने वित्तीय लेन-देन किया। बाइनेंस को आतंकियों के संदेहास्पद खातों और लेनदेन की जानकारी अमेरिकी सरकार को देनी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। आतंकियों के साथ-साथ उसके प्लेटफॉर्म का उपयोग बच्चों का यौन शोषण करने वालों, साइबर अपराधियों व अन्य कई तरह के गैरकानूनी काम करने वालों ने भी किया।  इन सभी को बाइनेंस ने छिपाया।

अपराध कर बना बड़ा एक्सचेंज
अमेरिका के अटॉर्नी जनरल मेरिक गार्लेंड ने कहा कि अपराध करके बाइनेंस ने सबसे बड़ा एक्सचेंज बनाया। अब उसे कॉरपोरेट अमेरिका के इतिहास के सबसे बड़े जुर्मानों में से एक को चुकाना होगा। न्याय विभाग, कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (सीएफटीसी), राजकोष के वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क (फिनसेन) और विदेशी निधि नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने बाइनेंस पर कई आरोप लगाए थे। इन सबके साथ कंपनी ने समझौते किए हैं। इसमें 5 साल की निगरानी का प्रावधान है। राजकोष विभाग बाइनेंस के रिकॉर्ड व वित्तीय लेन-देन का अवलोकन कर सकेगा।

पहले एफटीएक्स और अब बाइनेंस ने बड़ा सबक सिखाया: चंद्रशेखर
पहले एफटीएक्स और अब बाइनेंस… क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज चला रही कंपनियों के घपलों, आतंकियों व अपराधियों को मदद और मनी लॉन्ड्रिंग के खुलासों ने भारत सरकार की क्रिप्टोकरेंस पर कड़ी निगरानी और सख्ती को सही साबित कर दिया। देश के आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी बुधवार को इन मामलों से मिली सीख को सभी के लिए बेहद जरूरी बताया।

उन्होंने कहा कि बाइनेंस, एफटीएक्स और अन्य ‘क्रिप्टो’ कंपनियों से एक जरूरी सबक सीखने को मिला है। कानून तोड़ने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल करके व्यवस्था-भंजक नहीं, अपराधी बनते हो। उन्होंने कहा कि साल 2022 से भारत की मोदी सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी की सट्टेबाजी को रोका है। इससे असंख्य भारतीयों को क्रिप्टो में गिरावट और नुकसान से बचाया गया।

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