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ब्रिटिश विद्वान : इमाम ख़ुमैनी ने दुनिया में साम्राज्यवादी शक्तियों को बेनक़ाब किया है । —- सज्जाद अली नियाणी

ब्रिटेन के वरिष्ठ विश्लेषक और विद्वान डॉक्टर रुडनी शेक्सपियर ने कहा है कि इमाम ख़ुमैनी एक ऐसे महान विचारक और दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने ईरान की इस्लामी क्रांति के माध्यम से दुनिया की भ्रष्ट और साम्राज्यवादी शक्तियों और सरकारों के चेहरे पर पड़ी नक़ाब को उतार दिया है।

ब्रिटेन के वरिष्ठ विश्लेषक डॉक्टर रुडनी, ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी को उनकी 29वीं बरसी के मौक़े पर श्रद्धांजलि देते हुए कहते हैं कि मैंने अपनी जीवन में अब तक इतने महान व्यक्ति को नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी के नेतृत्व में ईरान की इस्लामी क्रांति की जीत ने दुनिया के अन्य हिस्सों में भ्रष्टाचार और साम्राज्यवाद प्रणाली की व्यवस्था के चेहरों पर पड़ी नक़ाब उतार दी जिसके बाद से ही दुनिया भर में लोग अब बहुत आसानी से अत्याचारी शासनों को पहचानने लगे हैं।

ब्रिटिश विद्वान डॉक्टर रुडनी शेक्सपियर ने कहा कि आयतुल्लाह ख़ुमैनी का अस्तित्व एक महान व्यक्ति का है, जो एक सिद्धांतिक और गहरे विचार वाले नेता थे जिन्होंने ईरान में क्रांति की शुरुआत से जनता का दिल जीता था। उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी ने ईरान में इस्लामी व्यवस्था की नींव रखने के साथ-साथ दुनिया में भी न्याय और बराबरी वाले शासन की नींव रखी है।

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रुडनी शेक्सपियर ने कहा कि इमाम ख़ुमैनी की नज़र में लोकतंत्र एक महत्वपूर्ण स्तंभ था  और आज यही कारण है कि 40 वर्ष बीत जाने के बाद ईरान की इस्लामी क्रांति में लोकतंत्र एक उज्ज्वल सितारे की तरह चमक रहा है। ब्रिटिश विद्वान का कहना था कि ईरान की इस्लामी क्रांति ने आज दुनिया को एक अच्छा शासन और सिद्धांतिक प्रणाली की पहचान कराई है और यही कारण है कि आज इस्लामी क्रांति के दुश्मन बहुत अधिक हो गए हैं और वे इस बेहतरीन शासन से क्रोधित हैं, विशेष रूप से सऊदी अरब जैसे बेईमान शासन ईरान की बढ़ती लोकप्रियता और शक्ति से डरे हुए हैं।

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डॉक्टर रुडनी अमेरिका, सऊदी अरब और ज़ायोनी शासन को मध्यपूर्व की संकटमयी स्थिति की जड़ बताते हुए कहते हैं कि यह तीनों शासन मध्यपूर्व में लोकतंत्र नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इमाम ख़ुमैनी इस बात को अच्छी तरह जानते थे कि मध्यपूर्व में इस्राईल जैसे-जैसे पैर पसारेगा क्षेत्र के संकट बढ़ेंगे इसीलिए उन्होंने हमेशा इस ग़ैर क़ानूनी शासन का विरोध किया था। ब्रिटिश विश्लेषक ने कहा कि फ़िलिस्तीन ऐसा मापदंड है कि जो उसके साथ है वह न्याय पर है और जो इस्राईल के साथ है वह अत्याचारियों के साथ है और आज अमेरिका और सऊदी अरब इस्राईल के साथ खड़े हैं।

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