रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
रजब तैयब अर्दोग़ान के बयान के बाद यूरोपीय संघ ने तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है।
विेदेश – तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने चेतावनी दी है कि अगर अंकारा से सहयोग नहीं किया गया तो फिर यूरोप की ओर जाने के लिए 36 लाख शरणार्थियों को यूरोप जाने के लिए छोड़ दिया जाएगा। उधर यूरोपीय संघ के प्रमुख डोनल्ड डेस्क ने कहा है कि शरणार्थियों को हथियार के रूप में प्रयोग किये जाने की धमकी स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि तुर्की के राष्ट्रपति को इस प्रकार की धमकी देने का कोई अधिकार नहीं है। इटली के राष्ट्रपति ने तुर्की के राष्ट्रपति पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए कहा है कि सैन्य कार्यवाही तुरंत रोकी जाए।फ़्रांस ने भी तुर्की के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। उधर तुर्की पर अधिक दबाव डालने के उद्देश्य से 14 अक्तूबर को यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक हो रही है।
ज्ञात रहे कि तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोग़ान ने तुर्की से मिलने वाली सीरिया की सीमा पर कुर्दो के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही आरंभ की है जिसमें बड़ी संख्या में लोग हताहत और घायल हुए हैं। अर्दोग़ान ने तुर्की की सेना को सैन्य कार्यवाही का आदेश जारी करते हुए कहा था कि इस कार्यवाही का उद्देश्य, तुर्की की दक्षिणी सीमा पर आतंकवादियों के वर्चस्व को समाप्त करना है।
सीरिया में तुर्की की ओर से सैन्य कार्यवाही आरंभ करने पर विश्व के बहुत से देशों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इससे क्षेत्र में अशांति बढ़ेगी