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राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने ईरान पर अमरीका के पहले चरण के प्रतिबंध 7 अगस्त से लागू किये, हुर्मुज़ स्ट्रेट के बंद होने से तेल की क़ीमतें आसमान छूने लगेंगी। —- रिपोर्ट – सज्जाद अली नायणी

ईरान पर अमरीका के पहले चरण के प्रतिबंध 7 अगस्त से लागू हो गये क्योंकि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने 8 मई को एकपक्षीय रूप से परमाणु समझौते से निकलने की घोषणा करते हुए प्रतिबंधों को तेहरान के विरुद्ध फिर से लागू करने की घोषणा की थी। 7 अगस्त से लगे प्रतिबंधों में वाहन उद्योग और हवाई जहाज़ के कलपुर्ज़े शामिल हैं किन्तु चार नवम्बर से दूसरे चरण के प्रतिबंध शुरु हो जाएंगे जिसमें तेल और गैस के संबंध में ईरान से व्यापार कने वाली अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों और देशों को सचेत किया गया है।

दुनिया के कुछ मीडिया ने ईरान की ओर से हुर्मुज़ स्ट्रेट बंद करने के विषय पर प्रकाश डाला है।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की धमकी के जवाब में कहा था कि यदि ईरान तेल निर्यात नहीं कर सकता तो हुर्मुज़ स्ट्रेट के रास्ते किसी भी देश की तेल सप्लाई नहीं हो पाएगी ।

अमरीकी पत्रिका न्यूज़ वीक ने इस विषय की समीक्षा करते हुए कि यदि ईरान ने हुर्मुज़ स्ट्रेट बंद कर दिया तो क्या होगा? लिखा कि ईरान ने धमकी दी है कि यदि दुनिया के सबसे व्यस्तम जलमार्ग को जहां से दुनिया के अधिकतर तेल टैंकर होकर गुज़रते हैं, अमरीकी प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बंद कर दिया तो यह कार्यवाही संभावित रूप से क्षेत्र और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा बाज़ार के लिए बहुत बड़ी त्रासदी होगी।

अमरीकी पत्रिका न्यूज़वीक आगे लिखती है कि ईरान और अमरीका के बीच राजनैतिक तनाव के चलते, ईरान की आईआरजीसी ने हुर्मुज़ स्ट्रेट में विशाल सैन्य अभ्यास किया, यह वही स्थान है जहां से दुनिया का एक तिहाई तेल होकर गुज़रता है।

इसी संबंध में अमरीकी टीकाकार जैकब शापीरो ईरान की ओर से हुर्मुज़ स्ट्रेट के बंद किए जाने पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यदि इस देश ने ऐसी कार्यवाही की तो इसके नतीजे पूरी दुनिया के लिए विध्वंसक होंगे।

वह कहते हैं कि हुर्मुज़ स्ट्रेट के बंद होने से तेल की क़ीमतें आसमान छूने लगेंगी और संभव है कि अमरीका सैन्य हस्तक्षेप कर दे।

फ़्रांसीसी समाचार फ़िगारो ने भी कुछ दिन पहले अपने संस्करण में हुर्मुज़ स्ट्रेट बंद करने के बारे में ईरानी अधिकारियों के दृष्टिकोण बयान करते हुए लिखा कि फ़ार्स की खाड़ी के अंत में यह तंग व बारीक जलमार्ग, दबाव के लिए एक शक्तिशाली हथकंडा है जिसे रूहानी की सरकार प्रयोग कर रही है ताकि अमरीकियों को ईरान के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध पुनः लगाने पर आधारित अपने फ़ैसले से रोक सके।

फ़िगारो आगे लिखता है कि ईरान सरकार हुर्मुज़ स्ट्रेट को बंद करने की धमकी दे रही है। ईरानी समुद्री बारूदी सुरंगों, पनडुब्बियों और अपने युद्धपोतों द्वारा इस जलमार्ग को बंद कर सकते हैं। आईआरजीसी की नौसेना के पास इतनी शक्ति है और उसके पास स्पीड बोट्स, ज़मीन से समुद्र में मार करने वाले मीज़ाइल, तोपख़ाने और समुद्री बारूदी सुरंगें जैसे बहुत से साधन हैं।

जर्मनी समाचारपत्र द वोल्ट ने भी हुर्मुज़ स्ट्रेट बंद करने की ईरान की धमकी की ओर संकेत करते हुए लिखा कि यदि ईरान ने इस धमकी पर अमल कर दिया तो ट्रम्प को बहुत नुक़सान होगा। समाचार पत्र ने इस स्ट्रेट को ईरान के साथ परमाणु विवाद में अमरीका के गले की हड्डी क़रार दिया है।

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