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आपकी अभिव्यक्ति : काले हिरन के शिकार पर अदालत का फैसला और सलमान खान की सजा पर विशेष – भोलानाथ मिश्र

कहते हैं कि कानून के हाथ बहुत लम्बे होते हैं और इन कानूनी हाथों से जल्दी कोई बच नहीं सकता है।यह सही है कि इधर हमारी न्याय व्यवस्था में भी कुछ गिरावट आयी है और न्याय भी बिकने लगा है लेकिन इस सब के बावजूद हमारी न्याय प्रणाली पर आज भी आमलोगों को भरोसा यथावत बना हुआ है। हमारा कानून छोटा बड़ा नहीं देखता है बल्कि कानून साक्ष्य के आधार पर काम करता है और सजा योग्य मामलों में कम ज्यादा सजा जरूर सुनाई जाती है। मुकदमों में सजा न्यायाधीश की इच्छा पर नहीं बल्कि पत्रावली में मौजूद साक्ष्यों के आधार पर होता है और दोष सिद्ध होने के बाद कोई चाहकर भी अभियुक्त को बरी नहीं कर सकता है। अभी दो दिन पहले एक बहुचर्चित मामले में न्यायाधीश द्वारा सुनवाई गई सजा से एक फिर साबित हो गया है कि कानून के दायरे में न्याय होता है और उसमें कोई दखल नहीं दे सकता है। परसों अरसा बीस पहले पुराने काले हिरन के शिकार के आरोप में जाने माने फिल्म अभिनेता सलमान खान सल्लू भाई को अदालत द्वारा पांच साल की सजा सुनाई गई है। इस फैसले के तुरंत बाद सल्लू मियां को पुलिस हिरासत में लेकर राजस्थान की मशहूर जेल जोधपुर भेज दिया गया है।सभी जानते हैं कि सल्लू मियां क पासे पैसे की कोई कमी नहीं है और वह सजा से बचने के लिए लाखों करोड़ों रुपये दाँव पर लगा सकते हैं लेकिन उनकी धन दौलत किसी काम नहीं आयी और एक साधारण कैदी की तरह उन्हें भी जमीन पर कंबल बिछाकर रात बितानी पड़ी। सलमान खान को सुनाई गई सजा से एक बार भी लोगों की आस्था न्याय और न्यायपालिका पर बलवान हुयी है। अदालत ने जहाँ हिरन शिकार के मुकदमें सलमान खान को सजा सुनाकर उन्हें जेल रवाना कर दिया गया है वहीं उनके साथ सह अभियोगी उनके साथियों सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, सोनाली बेंद्रे, तब्बू और जोधपुर के स्थानीय निवासी दुष्यन्त सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है।यह घटना 1988 में पहली और दूसरी अक्टूबर की रात शुटिंग के दौरान कांकाणी गाँव में हुयी थी।इस घटना की रिपोर्ट इन लोगों के खिलाफ तत्कालीन वन अधिकारी ललित बोड़ा ने जोधपुर के लूणी थाने में दर्ज कराई थी।एक मुकदमा बिशनोई समाज की तरफ से भी दर्ज कराया गया था और सुनवाई के दौरान साक्ष्य भी पेश किये गये थे जो सलमान खान को जेल की सलाखों तक पहुंचाने के कारण बन गये।दो रात जेल में साधारण कैदी की तरह बिताने के बाद कल सलमान खान को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।यहाँ पर सवाल दो रात जेल में बिताने का नहीं है बल्कि सवाल यह है कि इस फैसले से एक बार फिर सिद्ध हो गया है कि हमारी न्यायपालिका पूरी तरह से न्यायिक प्रक्रिया के आधार पर चलती हैं और उसके दायरे में जो भी आ जायेगा उसके साथ कानून अपना कार्य जरूर करेगा। इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि हमारी निष्पक्ष न्यायिक प्रक्रिया को धन दौलत के प्रलोभन से प्रभावित नहीं किया जा सकता है।

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