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आपकी अभिव्यक्ति – ये कैसा डर है पाकिस्तान को मोदी जी का, घाटी में जवान अभी भी हो रहे हैं शहीद ….. रवि जी. निगम

— विजय त्रिपाठी

जैसा की न्यूज़ है कि मोदी जी के डर से पाकिस्तान ने हमारे पायलट अभिनन्दन जी को छोड़ दिया, क्योंकि मोदी जी की सरकार की कूटनीति का कमाल था, वहीं कुल भूषण जाधव तो कई साल से पाकिस्तान की जेल में हैं उन्हे क्यूँ नहीं अभी तक लाया गया, क्यूँ कर कूटनीति उसमें काम नहीं कर रही, लेकिन पाकिस्तान सीमा पर गोलाबारी भी कर रहा, रोज कई जवान शहिद भी हो रहे है, ये तो सच है वाकई में पाकिस्तान मोदी जी से थर ,थर काँप रहा है, भक्त मीडिया की तरफ से न्यूज़ ये भी आ रही है कि मसूद अजहर एयर अटैक में घायल होकर पाकिस्तान के आर्मी अस्पताल में अपनी आखरी साँसे गिन रहा है जब की मसूद अजहर के दोनों गुर्दे खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती है ये तो माना जा सकता है कि उसके दोनों गुर्दे मोदी जी ने खराब कर दिए हो क्यू की नामुमकिन को मुमकिन मोदी जी ही कर सकते है क्यू की संबित पात्रा जैसे महान व काबिल डाक्टर मोदी जी के पास हैं।

अब तो मोदी जी घर में घुसकर मारने की और चुन चुनकर मारने की बात कर रहे हैं साथ ही उनका कहना है हमें ज्यादा समय बर्दास्त नहीं, लेकिन पांच साल पूरे होने वाले है मगर काश्मीर के अन्दर अपने ही देश में आज तक चुन-चुन कर आतंकवादियों को क्यों नहीं मार पाये । ये जाने दीजिये भक्त मीडिया और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह का खूफिया विभाग पुलवामां में RDX का 250 किलों वजन तौल लेते हैं , बालाकोट में एयर स्ट्राईक पर 250 आतंकियों की संख्याँ तक गिन लेते हैं। जबकि सेना अधिकारियों के पास आकड़े तक नहीं क्योंकि ये तो माना जा सकता है कि सेना का काम सिर्फ मारना होता है गिनना नहीं, ये काम सरकार का है, लेकिन सरकार के पास भी आकड़े सायद फिलहाल हैं नहीं , नहीं तो अब तक आकडे दे नहीं देती, लेकिन सवाल तो ये उठता है कि फिर इन सबके पास आकड़े कहाँ से आये।

जिस तरह से पाक ने जब F16 विमान को मार गिराये जाने से इन्कार किया था तो सेटलाइट की सहायता से उसके प्रमाण भारत की सेना व सरकार द्वारा तुरन्त विश्व के सामने लाकर रख दिया गया, तो पाक ने एयर स्ट्राईक में भी किसी के हताहत न होने की बात को विश्व के पटल पर रखा है , यदि इसको विपक्ष यदि विश्व के समक्ष रखने के लिये कहता है तो उसे सेना का अपमान, मनोबल और शौर्य से क्यों जोड़ दिया जाता है और देशद्रोह बताया जा रहा है , यदि इस तरह का प्रश्न पाक या अर्न्तराष्ट्रीय मीडिया ने उठाये हैं तो उसका प्रमाण न देना सेना की वीरता और शौर्य पर सवाल खड़ा करके उनके मनोबल और शौर्य को गिरा नहीं रहा है।

क्या जनता इन पर नजर नहीं बनाये हुये है कि ये देश में घूम – घूमकर एयर स्ट्राईक के बहाने राम मन्दिर मुद्दे को दबाने के साथ – साथ सेना के शौर्य और पराक्रम का राजनीतीकरण करके वोट बटोरने की राजनीति कर रह हैं ? संकल्प रैली का आखिर क्या मतलब है ? जब जनता सरकार के साथ है विपक्ष सरकार के साथ है तो किस बात के लिये संकल्प लिया जाना है , जब पाक परोक्षरूप से स्वीकार कर चुका है, सेना के शूरवीर अभिनन्दन को P०w के तहत रिहा करके। इसका मटलब है युद्ध शुरु हो चुका है और वो निरन्तर सीमा पर सैनिक कार्यवाही कर रहा है , भारतीय सेना भी डटकर सामना कर रही है । देेश का प्रधाानमंत्री सिर्फ राजनीति कर रहा हो तो ये क्या दर्शाता है ?

लेकिन ऐसे वक्त में प्रधानमंत्री जी सिर्फ राजनीति करने पर आमादा क्यों हैं , यदि चुनाव की चिन्ता सता रही है तो सेना से साफ – साफ कह देना चाहिये कि पहले हमें चुनाव लड़ लेने दीजिये उसके पश्चात हम पाक समर्थित अंतकियों से लड़ेगें। ताकि जनता और सेना को भ्रम से मुक्ती मिल जायेगी कि हम अभी अतंकियों से नहीं सिर्फ चुनाव लड़ना चाहते हैं। जैसे राम मंदिर का मुद्दा ठण्डे बस्ते में मैनें डाल स्खा है। जब तक हम दुबारा प्रधानमंत्री नहीं बनेगें तब तक मैं कुछ भी नही करूँगा , सिवाय राजनीति के ।

जिस पुलवामां पर युद्ध की स्थित उत्पन्न हुई है मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिस इलाके में ये घटना घटित हुई है जहाँ पूर्व में चार चेक पोस्ट थे, लेकिन बीजेपी और पीडीपी की तत्कालीन सरकार में स्थानी लोगों की अवाजाही में तकलीफ होने का हवाला देकर इन चारो चेक पोस्टें को वहाँ हटा दिया गया था , यदि चेक पोस्ट न हटाई गयी होती तो क्या इतने बड़े घटना को आतंकवादी अन्जाम दे सकते थे ? तो सायद नहीं ? सवाल तो ये आज भी बरकार है कि आखिर इतना बड़ा जोखिम कैसे उठाया गया आखिर इसके पीछे की क्या साजिश है ? क्या इस पर सरकार ने पड़ताल की, तो सायद नहीं तो आखिर क्यों ? इसे किससे कहने पर ऐसा फैसला लिया गया ? क्या जवाबदार मीडिया संस्थान इस यक्ष प्रश्न को उठाने की हिमाकत करेगें ? तो सायद नहीं । क्योंकि अभी चुनावी सहालक (कमाई का सीजन ) चल रही है , क्योंकि ये सब अभी कमायेगें नहीं तो तेल के कुँए और बड़ी योजना / परियोजना / विज्ञापन कैसे पायेगें / खरीदेगें ?

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