रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
ईरान की संसदीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के प्रमुख ने इस्लामी क्रांति फ़ोर्स (आईआरजीसी) की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या की असफल साज़िश के बारे में कुछ नए रहस्योद्घाटन किए हैं।
ईरान के वरिष्ठ सांसद मुजतबा ज़ुन्नूर का कहना है कि कुछ अरब देशों की जासूसी एजेंसियों और इस्राईली जासूसी एजेंसी ने जनरल सुलेमानी की हत्या के लिए आतंकवादियों की एक टीम को ट्रेनिंग दी।
इस योजना के अनुसार, आतंकवादियों के निशाने पर तेहरान स्थित एक इमामबाड़ा था, मोहर्रम के महीने में इस इमामबाड़े में मजलिस (इमाम हुसैन के लिए शोक सभा) का आयोजन होता था, जिसमें जनरल सुलेमानी भी भाग लेते थे। इस इमामबाड़े की दीवार से लगे घर से एक सुरंग खोदी गई ताकि इमामबाड़े की इमारत के नीचे 400 किलोग्राम विस्फ़ोटक पदार्थों को छिपाकर रखा जा सके।
ईरान की संसदीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के प्रमुख ज़ुन्नूर ने बताया, आतंकवादियों ने इस इमामबाड़े के तहख़ाने में पहुंचकर खोदी गई मिट्टी को चुपके से बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन ईरान की ख़ुफ़िया एजेंसियां उनकी हरकतों पर पहले से ही नज़र रखे हुए थीं।
उन्होंने कहा, ईरानी ख़ुफ़िया एजेंसियों के अधिकारियों ने आतंकवादियों को इस योजना को अंतिम चरण तक ले जाने का अवसर दिया, ताकि उनके पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ कर सकें।
आतंकवादी जब अपनी साज़िश के अंतिम चरण में पहुंच गए तो सुरक्षा अधिकारियों ने इस नेटवर्क का भंडाफोड़ करके इस टीम में शामिल आतंकवादियों को गिरफ़्तार कर लिया।
ग़ौरतलब है कि मध्यपूर्व के कई देशों विशेष रूप से लेबनान, सीरिया और इराक़ में अमरीका और इस्राईली योनजाओं को नाकाम बनाने में जनरल सुलेमानी ने अहम भूमिका निभाई है, जिसके चलते अमरीका और उसके सहयोगी काफ़ी लम्बे समय से उनकी हत्या की साज़िश रच रहे हैं।