Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा में जेहादे इस्लामी के वरिष्ठ कमांडर की हत्या क्यों की? अब फ़िलिस्तीनियों की रणनीति क्या होगी? इस्राईली शरण स्थलों में क्यों छिप रहे हैं?

ज़ायोनी मीडिया ने दावा किया है कि मंगलवार को ग़ज़्ज़ा पट्टी में जेहादे इस्लामी के जिस वरिष्ठ कमांडर की हत्या की गई है वह लम्बी दूरी के मीज़ाइलों और अन्य हथियारों की तैयारी पर नज़र रखते थे।

विदेश – इस्राईल के युद्धक विमानों ने मंगलवार को ग़ज़्ज़ा पट्टी पर हमला करके जेहादे इस्लामी संगठन की सैन्य शाखा अलक़ुद्स ब्रिगेड के एक अहम कमांडर बहा अबुल अता के घर को निशाना बनाया और उन्हें और उनकी पत्नी को शहीद कर दिया। ज़ायोनी शासन के सैन्य हल्क़ों में अबुल अता का नाम काफ़ी जाना-पहचाना था और उन्हें कई बार जान से मारने की धमकी भी दी जा चुकी थी। जेरुसलम पोस्ट समाचारपत्र ने कुछ दिन पहले “इस्राईल के लिए सबसे ख़तरनाक लोग” शीर्ष के अंतर्गत अपनी एक रिपोर्ट में लिखा था कि हसन नसरुल्लाह, क़ासिम सुलैमानी और बहा अबुल अता, इस समय इस्राईल के लिए सबसे ख़तरनाक लोग हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि बहा अबुल अता, ग़ज़्ज़ा पट्टी में वरिष्ठ सैन्य कमांडर हैं और इस्राईल के ख़िलाफ़ हमलों में वे शामिल रहे हैं। इसी तरह वे हथियार बनाने और लम्बी दूरी के मीज़ाइलों की तैयारी और उनकी क्षमता बढ़ाने के काम पर नज़र रखते हैं। इस्राईल की सैन्य गुप्तचर सेवा उन्हें तनाव बढ़ाने वाले तत्व के रूप में देखती है।

जेरुसलम पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि इस्राईली सेना में कहा जाता था कि अबुल अता ने पिछले अप्रैल में दक्षिणी इस्राईल पर राॅकेट फ़ायर किए जाने का आदेश दिया था। इस्राईली सेना के अनुसार अबुल अता की कमान में जेहादे इस्लामी की कोशिश थी कि इस्राईल के साथ तनाव बाक़ी रखा जाए। इस पत्र ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि जेहादे इस्लामी और अबुूल अता से बदला लेने का समय ज़रूर आएगा। इसी तरह हेब्रू भाषा में छपने वाले एक इस्राईली समाचारपत्र “इस्राईल हयोम” ने भी दावा किया था कि तेल अवीव सरकार के आकलन के अनुसार बहा अबुल अता, तनाव की जड़ हैं। अलबत्ता किसी भी इस्राईली समाचारपत्र ने उस वजह का कोई उल्लेख नहीं किया जिसके कारण अबुल अता अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन पर राॅकेट फ़ायर करने का आदेश देते थे। तेल अवीव ने इससे पहले जेहादे इस्लामी को इस्राईली क्षेत्रों में राॅकेट फ़ायर किए जाने का ज़िम्मेदार बताते हुए उसके कमांडरों को जान से मार देने की धमकी दी थी।

ज़ायोनी शासन द्वारा बहा अबुल अता को शहीद करने की आतंकी कार्यवाही पर अपनी प्रतिक्रिया में फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी संगठन ने कहा है कि वह इस हमले का असीम ढंग से जवाब देगा। हमास संगठन ने भी कहा है कि अगर तनाव बढ़ता है तो वह ज़ायोनी शासन के मुक़ाबले में खड़ा हो जाएगा। फ़िलिस्तीनियों ने ज़ायोनी शासन की इस आतंकी कार्यवाही पर अपनी आरंभिक प्रतिक्रिया में इस्राईली क्षेत्रों पर दसियों मीज़ाइल फ़ायर किए हैं। अतीत के अनुभवों से यह बात सिद्ध हो चुकी है कि कड़ी प्रतिक्रिया ही ज़ायोनी शासन के अपराधों को रुकवाने का एकमात्र मार्ग है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधकर्ता गुटों ने अपने बलों को आदेश दे दिया है कि वे इस्राईल के अंदर संवेदनशील लक्ष्यों को निशाना बनाएं। इसका अर्थ यही है कि अगले कुछ महीने तक फ़िलिस्तीनी, इस्राईल के केवल उन्हीं क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाएंगे जहां कोई नहीं रहता बल्कि इस बार संभावित रूप से सरकारी इमारतों और सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है। इन्हीं बातों की वजह से इस्राईल के लोंगों की नींद उड़ी हुई है और वे डर के मारे घर से ज़्यादा सुरक्षित शरण स्थलों में रहना चाहते हैं।

Exit mobile version