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कोरोना का B.1.617 नया स्ट्रेन क्या अब हवा में भी रहा फैल ? मास्क लगाना अब हुआ और ज़रूरी !!

कोरोना का B.1.617 नया स्ट्रेन क्या अब हवा में भी रहा फैल ? मास्क लगाना अब हुआ और ज़रूरी !!

Covid-19

कोरोना का B.1.617 Strain एक्सपर्ट्स इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि ऐसे कोई ठोस सबूत नहीं हैं कि कोरोना वायरस हवा से नहीं फैलता है।

एक्सपर्ट्स ने वायरस के हवा से फैलने को लेकर कई सबूत पेश किए हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक़ वायरस का फैलाव आउटडोर (बाहर) की तुलना में इंडोर (अंदर) में ज़्यादा होता है।

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कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन B.1.617 ने एक्सपर्ट्स की नींद उड़ा दी है। वायरस का संक्रमण बहुत तेज़ी से फैल रहा है। भारत में आंकड़ों का ग्राफ़ रोज़ाना 4 लाख के ऊपर पहुंच रहा है। सेंटर फ़ॉर सेल्‍युलर ऐंड मॉलिक्‍युलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों का कहना है कि नया स्ट्रेन मौजूदा स्‍ट्रेन N440K की जगह ले रहा है। इन सबके बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या नया कोरोना स्ट्रेन हवा से भी फैल रहा है। आइए जानते हैं कि हवा से कोरोना वायरस के फैलने को लेकर क्या स्टडी सामने आई है…

द लांसेट की हालिया स्टडी में कहा गया है कि कोरोना वायरस (SARS-CoV-2) का ट्रांसमिशन हवा के ज़रिए हो रहा है। अप्रैल में लांसेट की रिसर्च में कोरोना वायरस के एयरबोर्न यानी हवा से फैलने की बात सामने आई है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने भी अपनी गाइडलाइन में वायरस के एयरबोर्न होने की बात को शामिल किया है।

लांसेट की स्टडी में बताया गया है कि वायरस के सुपरस्प्रेडर इवेंट महामारी को तेज़ी से आगे ले जाते हैं। इसमें कहा गया है कि ऐसे ट्रांसमिशन का बूंदों के बजाए हवा (aerosol) के ज़रिए होना ज़्यादा आसान है।

बिना लक्षण या लक्षण से पहले ऐसे लोगों से ट्रांसमिशन जिन्हें खांसी या छींक ना आ रही हो, उनसे ट्रांसमिशन के कम से कम एक तिहाई मामले हैं। इससे हवा के रास्ते वायरस फैलने की धारणा को बल मिलता है। रिसर्च में कहा गया है कि बोलते वक़्त हज़ारों पार्टिकल पैदा होते हैं। कई बड़ी बूंदों से हवा के ज़रिए वायरस फैलने का रास्ता खुलता है।

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वायरस के फैलने की दर इंडोर में और उन जगहों में ज़्यादा है, जहां वेंटिलेशन (हवा का संचार) कम है।

यही नहीं अस्पतालों और मेडिकल इंस्टिट्यूट्स में भी संक्रमण तेज़ी से फैला है, जहां कॉन्टैक्ट और ड्रॉपलेट से जुड़े कड़े नियमों और PPE का कड़ाई से पालन होता है। हालांकि, Aerosol से बचने के लिए कोई तरीक़ा नहीं होता।

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खिड़की-दरवाज़े बंद करने की ज़रूरत नहीं

हालांकि वायरस के हवा में फैलने की संभावना के बाद डरने की ज़रूरत नहीं है। लखनऊ के एसजीपीजीआई के हार्ट स्पेशलिस्ट प्रोफ़ेसर सुदीप कुमार कोरोना मरीज़ों की देखरेख में लगे हैं। उनका कहना है कि खुली हवा में टहलने से ज़रूरी नहीं कि कोरोना हो लेकिन आपको सावधानी रखनी होगी। इसका मतलब पार्क और लॉन की खुली हवा से नहीं है। अस्पताल, होटल और सभी बंद जगह इस दायरे में आते हैं। बंद जगहों पर अंजान या घर का सदस्य भी संक्रमित हो सकता है। घर की खिड़कियां-दरवाज़े खुले रखना उचित होगा। छत या बालकनी में टहल रहे हैं और साथ में कोई है तो मास्क जरूर लगाएं। 

(साभार: पी.टी.)

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