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क्या ईरान-सऊदी रिश्तों में सुधार के प्रयासों से अमरीका डर गया ? अमरीका ने दी ईरान के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्यवाई की धमकी

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अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इराक़ में अमरीकी सैन्य ठिकानों पर लगातार हमलों पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए ईरान के ख़िलाफ़ “निर्णायक” कार्यवाई की धमकी दी है।

शुक्रवार को पोम्पियो ने दावा किया कि तेहरान, इराक़ और पूरे क्षेत्र में तीसरे पक्ष को घातक सहायता और समर्थन दे रहा है।

पोम्पियो ने कहाः हम ईरान के नेताओं को यह बताना चाहते हैं कि अगर उन्होंने या उनकी प्रोक्सीज़ ने अमरीका या उसके सहयोगियों पर हमला किया या उनके हितों को नुक़सान पहुंचाया तो अमरीका निर्णायक सैन्य कार्यवाई करेगा।

ग़ौरतलब है कि पोम्पियो की इस धमकी से एक दिन पहले ही बग़दाद अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निकट अमरीकी सैन्य अड्डे पर दो काट्यूशा रॉकेट फ़ायर किए गए थे।

अक्तूबर के महीने से इराक़ में अमरीकी सैनिकों को निशाना बनाकर किया गया यह इस तरह का दसवां हमला था।

सोमवार को इसी तरह के एक हमले में इराक़ी सेना के आतंकवाद निरोधक दस्ते के 5 सदस्य घायल हो गए थे, जिसमें दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

पोम्पियो की इस धमकी को द वाल स्ट्रीट जर्नल की उस रिपोर्ट से भी जोड़ कर देखा जा रहा है, जिसमें यह रहस्योद्घाटन किया गया था कि सऊदी अरब ने ईरान के साथ अपने रिश्तों में सुधार के लिए ख़ुफ़िया तौर पर प्रयास शुरू कर दिए हैं।

मध्यपूर्व में तनाव कम होने से अमरीकी हित ख़तरे में पड़ जायेंगे, इसलिए कि फिर अमरीका अरबों डॉलर के अपने हथियार नहीं बेच सकेगा और उसे क्षेत्र से अपनी सैनिकों को निकालना पड़ेगा।

अमरीका, तेहरान का डर दिखाकर फ़ार्स खाड़ी के अरब देशों को जमकर ब्लैकमेल कर रहा है।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने सऊदी अधिकारियों को डराते हुए कहा था कि कि वाशिंगटन अगर एक हफ़्ते के लिए भी समर्थन करना बंद कर दे तो वह अपनी सत्ता नहीं बचा पायेंगे।

साभार पी.टी.

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