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क्या कोरोना वायरस के फैलने का कारण हवा में उड़ने वाले कण भी बन रहे हैं ?

एक लंबे समय से लोगों का यह मानना रहा है कि प्रदूषण और बीमारी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

उदाहरण के तौर पर इतालवी भाषा में “मलेरिया” शब्द का मतलब है “ख़राब हवा”। लेकिन संक्रमण का सिद्धांत 19वीं शताब्दी में विकसित हुआ, इस विचार ने इंसान के दिमाग़ में दस्तक दी कि यह हवा ही है जो बीमारी का कारण बनती है।

बल्कि, बदबूदार हवा रोगजनक (pathogens) स्रोतों की ओर संकेत करती है, जैसे कि सीवेज, जिससे बचना अच्छा होता है।

इतालवी शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा प्रकाशित एक पेपर में उल्लेख किया गया है कि कोविड-19 महामारी के लिए जो वायरस ज़िम्मेदार है, उसे वायु प्रदूषण से मदद मिल रही है।

हालांकि बोलोग्ना विश्वविद्यालय के लियोनार्डो सेट्टी और उनके सहयोगियों की यह समीक्षा अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन इसने कोविड-19 से संबंधित कार्यों के लिए एक प्लेटफ़ार्म तैयार कर दिया है।  

डॉक्टर सेट्टी और उनके सहयोगियों को इस बात ने काफ़ी आश्चर्यचकित किया कि कोविड-19 इटली के उत्तरी इलाक़ों में बाक़ी देश की तुलना में बहुत तेज़ी से क्यों फैला?

उनका मानना है कि इसका मुख्य कारण प्रदूषण है। विशेष रूप से हवा में छोटे छोटे कण जो अपनी सतह पर वायरस ले जा सकते हैं। और यह इस इलाक़े में आमतौर पर दूसरे इलाक़ों की तुलना में कहीं अधिक मात्रा में हैं।

इस शोध पेपर में शोधकर्ताओं ने अन्य इलाक़ों में किए गए शोध कार्यों का हवाला देते हुए कहा है कि इन्फ्लूएंज़ा वायरस, श्वसन संबंधी वायरस और खसरा वायरस सभी ऐसे कणों पर सवार होकर फैल सकते हैं। उन्होंने इसके लिए उत्तरी इटली की एक मिसाल पेश करते हुए कहा कि 14 दिनों के लॉकडाइन के दौरान नए संक्रमणों की दैनिक दर का प्रदूषण के कणों के स्तर के साथ निकट संबद्ध था।

साभार पी.टी.

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