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चीन की सफाई रहस्यमयी बीमारी पर, कहा- कुछ भी असामान्य नहीं तेजी से फैल रहे सांस से जुड़े संक्रमण में

चीन अभी भी कोरोना वायरस के मामलों से जूझ रहा हैं। इस बीच, यहां रहस्यमयी निमोनिया (Pneumonia) का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इससे अस्पतालों में भर्ती हो रहे बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरुवार को बताया कि बीजिंग का कहना है कि फैल रही सांस से जुड़े संक्रमण में कुछ भी असामान्य नहीं है।

बता दें, यह चिंताजनक स्थिति कोविड संकट के शुरुआती दिनों की याद दिलाती है। मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा देखकर स्वास्थ्य अधिकारियों में चिंता पैदा हो गई है। इस बीमारी से अधिकतर बच्चे शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अलर्ट कर चुका है। वह पहले ही चीन से अधिक जानकारी देने को कह चुका है। 

पिछले तीन वर्षों में वृद्धि
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि पिछले तीन वर्षों की इसी अवधि की तुलना में चीन में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि हुई। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि कोविड-19 उपायों को हटाने अर्थात् इन्फ्लूएंजा और सामान्य जीवाणु संक्रमण के प्रसार के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि हुई है, जो माइकोप्लाज्मा निमोनिया सहित बच्चों को प्रभावित करते हैं।

डब्ल्यूएचओ ने गुरुवार को कहा कि चीनी अधिकारियों ने जवाब दिया है कि बीजिंग में फैल रही सांस से जुड़े संक्रमण में कुछ भी असामान्य नहीं है।

इस रहस्यमयी बीमारी के लक्षण
1. बच्चों के फेफड़ों में सूजन
2. तेज बुखार समेत कई असामन्य लक्षण पाए गए हैं।

हालांकि,  इससे प्रभावित बच्चों में खांसी, फ्लू, आरएसवी और सांस की बीमारी से जुड़े अन्य लक्षण नहीं पा जा रहे हैं। 

बीमारी बदल सकती है महामारी में
इससे पहले, ओपन-एक्सेस सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रोमेड ने चीन में फैल रहे इस न्यूमोनिया पर कहा था कि खासतौर से बच्चों को प्रभावित करने वाली ये बीमारी एक महामारी में भी बदल सकती है। दिसंबर 2019 के अंत में जारी एक प्रोमेड अलर्ट ने एक नए वायरस के बारे में एक चेतावनी दी थी। इसे बाद में सार्स-सीओवी-2 के रूप में पहचाना गया। प्रोमेड ने कहा कि यह रिपोर्ट एक अज्ञात सांस की बीमारी के व्यापक प्रकोप की चेतावनी देती है। यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि यह प्रकोप कब शुरू हुआ। पर इतने सारे बच्चों का इतनी जल्दी प्रभावित होना सामान्य बात नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया कि यह अनुमान लगाना जल्दबाजी होगी कि क्या यह एक और महामारी हो सकती है, लेकिन हमें अभी से सावधानी बरतनी चाहिए।

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