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चुनाव से पहले ‘क्लीन चिट’ की होड़ ! सुप्रीम कोर्ट की नई गाइडलाइन ने बढ़ाई नेताओं की टेंशन। —- रिपोर्ट – राशिद खान

भोपाल – 25 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिए थे कि चुनाव लड़ रहे जिन उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज है उसकी जानकारी वो अपनी वेबसाइट और मीडिया में सार्वजनिक करें। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब नेताओं की धड़कने बढ़ गई हैं। राजनीतिक आंदोलन के दौरान जिन नेताओं पर मामले दर्ज हुए है वो अब इन मामलों को जल्द से जल्द निपटाने में जुटे हैं। ऐसे ही राजनैतिक आंदोलन के दौरान आरोपी बनाए गए बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह भोपाल जिला अदालत पहुंचे। दरअसल, 2010 में राकेश सिंह ने जबलपुर रेलवे स्टेशन पर आंदोलन किया था, जिसपर उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हुआ था। मामला जबलपुर से भोपाल ट्रांसफर हो चुका है। शनिवार को मामले की पेशी हुई और राकेश सिंह कोर्ट के सामने हाजिर हुए। अगली पेशी की तारीख 27 अक्टूबर तय की गई है।

कांग्रेस में भी हलचल

इसी तरह से राऊ के विधायक जीतू पटवारी समेत 13 लोग भी जिला कोर्ट पहुंचे। इन सभी लोगों पर 2015 में पीथमपुर में एक राजनीतिक आंदोलन के दौरान आपराधिक मामला दर्ज हुआ था। किसानों की जमीन के मुआवजे को लेकर जीतू पटवारी ने आंदोलन किया था।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश ?

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि, हर उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करते समय पर्चे में बोल्ड लैटर्स में जानकारी देनी होगी। दावेदारों को लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी राजनीतिक दल को देनी होगी। राजनीतिक दलों को उम्मीदवारों के आपारधिक रिकॉर्ड को वेबसाइट पर सार्वजनिक करना होगा। नामांकन के बाद उम्मीदवार को आपराधिक मामले की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी।

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