-रवि जी. निगम
आज देश की जनता बडे असमंजस की स्थिति से गुजर रही कि हम प्राधानमंत्री जी के दावे पर विश्वास करें कि ‘जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं’ या आत्मनिर्भर भारत के एजेंडे पर चले ? या फिर स्वास्थमंत्री के बातों पर भरोसा करे ? या स्वास्थ मंत्रालय की कि कोरोना अब कमजोर पड गया है पर या फिर भारत सरकार के वैज्ञानिकों के समिति के दावों पर भरोसा करे कि फरवरी में कोरोना खत्म हो जायेगा ? लेकिन सवाल तो ये उठता है कि तो फिर वैक्सीन का इंतजार क्यों ?
जब कोरोना बिना वैक्सीन के ही नियंत्रण में आ गया है और अब जब फरवरी में ये खत्म हो जायेगा तो वैक्सीन जुलाई में किसको लगेगी ? माना कि गरीब अशिक्षित जनता हमारे देश में 60 से 70 प्रतिशत है लेकिन 30 से 40 प्रतिशत जनता तो साक्षर है कि नहीं या कोरोना में सब…. जिसके चलते ये देश के राज नेता अर्थात हम पर राज करने वाले जिनमें आधे से ज्यादा की ‘न इग्री, न डिग्री’ का पता वो सर्वोच्च पदों पर बैठ कर हमारे भाग्य का ही नहीं नीति का भी निर्धारण करते हैं, वो तय करते है कि हमें क्या करना चाहिये और क्या नहीं. इससे तो वो कहावत चरिथार्त होती नज़र नहीं आती है, कि ‘गंजे के सिर पे चमेली का तेल’ ?
SUTD की भविष्यवाणी (28 अप्रैल 2020)
भारत के लिए बहुत ही बड़ी राहत की खबर होगी। स्टडी के मुताबिक भारत में 24 मई तक कोरोना वायरस 97 प्रतिशत तक खत्म हो जाएगा। 20 जून तक यह 99 प्रतिशत खत्म हो जाएगा। इसे पूरी तरह खत्म होने में 31 जुलाई तक का वक्त लगेगा। इस दावे क्या हुआ आपके सामने है आज 75 लाख के पार मामला चला गया, जबकि 1 लाख 15 हजार से ज्यादा की मौंत हो चुकी है।
भारत सरकार के सरकारी पैनल का दावा (18 ऑक्ट. 2020)
कोरोना वायरस के फरवरी 2021 तक खत्म होने की संभावना है। अगर भारत ने मार्च में लॉकडाउन न लगाया होता तो देशभर में 25 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई होती। अबतक इस महामारी से 1.14 लाख मरीजों की जान गई है। पैनल को उम्मीद है कि भारत में कोरोना के 10.6 मिलियन यानि एक करोड़ छह लाख से ज्यादा केस नहीं होंगे। अभी भारत में कोरोना के कुल 75 लाख से ज्यादा केस हैं। आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम. विद्यासागर की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनी है। समिति ने महामारी के रुख को मैप करने के लिए कम्प्यूटर मॉडल्स का इस्तेमाल किया है।
फरवरी तक महामारी पर काबू होने की भी उम्मीद है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब लोग कोरोना से बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन करना जारी रखें। लेकिन समिति जनता को तो सुझाव दे रही है परन्तु सरकार को ये नहीं समझा पा रही है कि यदि निरंतर टेस्टिंग आकडा कम कर दिये जायेंगे तो स्थिति और भी भयावह होगी ये सलाह देने के लिये क्या कोई दूसरी समिति बनेगी ? या फिर स्टडी के दावे की तरह ये भी दावा किया जा रहा है क्या इसका भी वही हश्र होने वाला है ? क्या 10 नवंबर को चुनाव नतीजे पक्ष में आये तो शपथ ग्रहण ने बाद या खिलाफ हुये तो तत्काल प्रभाव से कोरोना बम का विस्फोट होने की संभावना है ? क्या तब तक भारत को कोरोना में नंबर 1 बनने से रोके रहने के एजेंडे के तहत टेस्टिंग प्रक्रिया ऐसे ही चलेगी ?
जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को टीका लगाने का प्लान
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि जुलाई 2021 तक 20-25 करोड़ लोगों को टीका लगाने का प्लान है। उन्होंने बताया कि सरकार वैक्सीन के ट्रायल पर नजर बनाए हुए है और फिलहाल टीकाकरण अभियान की रूपरेखा तैयार की जा रही है। हर्षवर्धन ने यह तो कह दिया कि जुलाई तक भारत की लगभग 1/5 आबादी को कोरोना का टीका लग जाएगा। मगर उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन सा टीका मंजूर होगा। आधिकारिक अपडेट यही है कि भारत में तीन वैक्सीन ऐसी हैं जो ट्रायल से गुजर रही हैं। अब स्वास्थमंत्री जी बतायें कि जब कोरोना फरवरी में खत्म होने वाला है तो इन टीकों का क्या होगा ? ये किसे लगाये जायेंगे ?
जून-जुलाई के महीने में होना है हज तो उसकी समीक्षा मार्च में क्यों संभव नहीं ?
नकवी ने सोमवार को यहां हज 2021 के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हज 2021 जून-जुलाई के महीने में होना है लेकिन कोरोना आपदा और उसके प्रभाव की संपूर्ण समीक्षा और सऊदी अरब सरकार एवं भारत सरकार के लोगों की सेहत, सुरक्षा के मद्देनजर दिशानिर्देशों को प्राथमिकता देते हुए हज 2021 पर अंतिम फैसला लिया जायेगा। नक़वी जी जब कोरोना फरवरी में खत्म हो जायेगा तो हज 2021 जून-जुलाई के महीने में होना है तो उसकी समीक्षा मार्च में क्यों संभव नहीं ? 2021 जून-जुलाई के महीने में क्यों ?