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ट्रंप को धोखाधड़ी मामले में राहत, 45.4 करोड़ डॉलर जुर्माने की बजाय महज इतनी राशि जमा करानी पड़ी

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब कुछ राहत की सांस ले पाएंगे। उन्होंने सोमवार को न्यूयॉर्क के नागरिक धोखाधड़ी मामले में 17.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना चुका दिया है। हालांकि, ट्रंप को 45.4 करोड़ डॉलर यानी करीब 29.46 अरब रुपये का जुर्माना चुकाना था। इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही है। 

गौरतलब है, ट्रंप ने 45.4 करोड़ के नागरिक धोखाधड़ी के मामले में अदालत के फैसले के खिलाफ अपील की है। न्यूयॉर्क की अदालत ने फरवरी में अदालत ने उन्हें 35.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना चुकाने का आदेश दिया था, जोकि अब बढ़कर 45.4 करोड़ डॉलर हो गया। अदालत ने ट्रंप के साथ-साथ उनके बेटों को भी सजा सुनाई थी और उन पर भी जुर्माना लगाया था। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इतने बड़े जुर्माने के कारण ट्रंप की वित्तीय स्थिति पर फर्क पड़ सकता है।

ऐसे हुई जुर्माना राशि कम
पिछले हफ्ते, न्यूयॉर्क की एक अपील अदालत ने 45.4 करोड़ के जुर्माने में थोड़ी राहत देते हुए राशि घटाकर 17.5 करोड़ डॉलर कर दी थी। साथ ही इसे जमा करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पा रहा है कि ट्रंप की जुर्माना राशि पूरी तरह से कम कर दी गई है या उन्हें यह राशि किस्तों में जमा करवानी है। 

ट्रंप के पास चभ का विकल्प भी नहीं
इससे पहले, एक रिपोर्ट में ट्रंप की स्थिति से अवगत लोगों के हवाले से बताया गया था कि ट्रंप के सामने परेशानी बढ़ गई है। वह काफी चिंता में हैं क्योंकि जुर्माने की आधी राशि भी इकट्ठा नहीं कर सके हैं। ट्रंप की कानूनी टीम विभिन्न विकल्पों को तलाशने के लिए बिना रुके दिन-रात काम कर रही है। पहले ट्रंप को बीमा कंपनी चभ से थोड़ी बहुत उम्मीद थी, लेकिन अब यह भी धराशायी हो गई। दरअसल, चभ ने अपने वकीलों को सूचिया किया था कि यह विकल्प अब मौजूद नहीं है। 

ट्रंप अब अपनी संपत्तियों को बेचने की योजना बना रहे थे। बताया जा रहा था कि उनकी टीम समर्थकों के पास पहुंच गई है और संपत्ति को जल्दी से बेचने की संभावना पर विचार किया है। रिपोर्ट में कहा गया था कि जुर्माना चुकाने की तारीख नजदीक आ गई है। 25 मार्च तक ट्रंप को जुर्माना चुकाना था। इतने बड़े जुर्माने के कारण उनकी वित्तीय स्थिति के खराब होने की खबरें बाहर आने लगी हैं। इसकी वजह से पूर्व राष्ट्रपति चिंताओं से घिर गए थे। 

फैसले को बताया अवैध
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप बंद कमरे में इस मामले को लेकर न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स और जज आर्थर एंगोरोन के प्रति निराशा जाहिर की थी। उन्होंने इस फैसले को पूरी तरह से अवैध और गलत करार दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साझा किए पोस्ट में अमेरिका की न्याय व्यवस्था पर भी खतरा बताया था।

ट्रंप ने पोस्ट में न्याय व्यवस्था पर साधा निशाना
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था, ‘अमेरिका और न्यूयॉर्क की न्याय व्यवस्था खतरे में है और इस पर पक्षपाती और बंटवारे को बढ़ावा देने वाले जज और वकील हैं। ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल टिश जेम्स पर खास तौर पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि टिश जेम्स उन्हें लंबे समय से फंसाने की कोशिशें कर रहे हैं। ट्रंप ने लिखा कि उन्होंने बुरे वक्त में न्यूयॉर्क शहर की मदद की थी, लेकिन अब मुझे ही यहां से बाहर निकाला जा रहा है।’

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