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पाकिस्तान की खराब अर्थव्यवस्था के बीच अब पाकिस्तानी रुपये की भी हालत बद से बदतर होती जा रही है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक पाकिस्तानी रुपया अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर के मुकाबले इसकी कीमत 231 रुपये हो गई है। एक दिन पहले यह 229 के स्तर पर पहुंच गई थी। आज भी पाकिस्तानी रुपया संभल नहीं पाया और लगभग दो पायदान नीचे खिसक गया।

पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी
लगातार रुपये की गिरावट पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है। पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज में लगातार नुकसान बढ़ रहा है। महंगाई बढ़ रही है और साथ ही पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी कम होता जा रहा है। पाकिस्तान के जानकारों का कहना है कि देश में राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता और आईएमएफ से कर्ज मिलने में होने वाली देरी की वजह से ये हालात हो गए हैं।

क्यों गिर रहा पाकिस्तानी रुपया
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से खराब है। जब पूर्व पीएम इमरान खान ने कमान संभाली थी तब भी पाकिस्तान की हालत ठीक नहीं थी। हालांकि वह ऐसा कदम नहीं उठा पाए जिससे संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को उबारा जा सके। इसके अलावा कोरोना के बाद पूरी दुनिया ही महंगाई की चपेट में है। ऐसे में पाकिस्तान में महंगाई चरम पर है। पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है और इसलिए रुपया लगातार गिर रहा है। वहीं पाकिस्तान को उम्मीद थी कि उसे आईएमएस से राहत पैकेज मिल जाएगा लेकिन सियासी अस्थिरता के बीच यह टलता ही जा रहा है।

कैपिटल मार्कर एक्सपर्ट मोहम्मद साद अली के मुताबिक सियासी उथल-पुथल रुपये के गिरने की बड़ी वजह है। वहीं उनका कहना है कि बैलेंस् ऑफ पेमेंट प्रेशर कम हुआ है। इसका मतलब है कि अगले 12 महीने में इसमें सुधार आ सकता है। स्टेट बैंकऑफ पाकिस्तान का डेटा बताता है कि एक दिन पहले दिन में रुपया 229 तक गिर गया था हालांकि बाजार बंद होते-होते इसमें एक स्तर का सुधार देखने को मिला।

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