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तेहरान पहुंचे भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, ईरान के शीर्ष नेताओं के निधन पर जताया शोक

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ तेहरान पहुंचे और एक आधिकारिक शोक समारोह में हिस्सा लिया। बता दें कि एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन का निधन हो गया था। इसके बाद तेहरान में एक आधिकारिक शोक समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का प्रतिनिधित्व किया।

तेहरान के उपराष्ट्रपति कार्यालय ने कहा ‘भारत के उपराष्ट्रपति ने शोक समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के निधन पर शोक व्यक्त किया। दिवंगत राष्ट्रपति और उनके साथियों के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए। दुनियाभर के कई नेता तेहरान पहुंचे।’ 

भारतीय नेताओं ने जताया शोक
बता दें कि ईरान की शीर्ष नेताओं की मृत्यु पर भारत में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई थी। राष्ट्रपति रईसी के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस अपूरणीय क्षति पर भारत की संवेदना व्यक्त करने के लिए नई दिल्ली में ईरान के दूतावास का दौरा किया।

बांग्लादेश में वर्ष 2025 से बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के नाम से अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार की शुरुआत की जाएगी। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाली हस्तियों को 100000 अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि दी जाएगी। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया है कि कैबिनेट ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान शांति पुरस्कार नीति 2024 को मंजूरी दी है। कैबिनेट सचिव महबूब हुसैन ने बताया कि यह पुरस्कार हर दो साल में एक श्रेणी के तहत दिया जाएगा। पुरस्कार के साथ 100000 अमेरिकी डॉलर के अलावा 50 ग्राम 18 कैरेट सोने का स्वर्ण पदक दिया जाएगा। 2025 में इसकी शुरुआत होगी। यह शांति पुरस्कार दुनिया में किसी भी व्यक्ति, संगठन या संस्था को शांति स्थापित करने के लिए दिया जाएगा।

श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि द्वीप राष्ट्र में अगला राष्ट्रपति चुनाव, संसदीय चुनाव से पहले कराया जाएगा। एक खबर के अनुसार विक्रमसिंघे ने कैबिनेट बैठक में कहा कि अब तक केवल राष्ट्रपति चुनाव के संचालन के लिए वित्तीय आवंटन आरक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव अधिनियम के अनुसार सबसे पहले राष्ट्रपति चुनाव होना चाहिए क्योंकि 2025 से पहले संसदीय चुनाव नहीं हो सकते। इससे पहले श्रीलंका के चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि राष्ट्रपति चुनाव 17 सितंबर से 16 अक्टूबर के बीच कराया जाएगा।

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