Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

दिल्ली हिंसा को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट ने ‘सुनियोजित और एकतरफा’ बताया

नई दिल्ली – पिछले दिनों उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में मरने वालों का आंकड़ा 53 पहुंच गया है और कई घायल हुए लोगों का इलाज अब भी जारी है। इस बीच दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दावा किया गया है कि दिल्ली हिंसा ‘एकतरफा और सुनियोजित’ थी। इस दौरान हजारों लोग उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अपने पैतृक गांवों में चले गए हैं।

यह रिपोर्ट दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान और सदस्य करतार सिंह कोच्चर के हिंसा प्रभावित इलाके के दौरे पर आधारित है। दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंसा ‘एकतरफा और सुनियोजित’ थी, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों के मकानों और दुकानों को हुआ।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘इसके अलावा हजारों लोग इलाके से निकल गए और उत्तरप्रदेश तथा हरियाणा में अपने पैतृक गांव चले गए या दिल्ली में कहीं दूसरी जगह परिजनों के साथ रह रहे हैं। सैकड़ों लोग समुदाय द्वारा चलाए जा रहे शिविरों में रह रहे हैं। कुछ लोग दिल्ली सरकार द्वारा संचालित कैंपों में भी हैं।’

डीएमसी के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने कहा कि आयोग की टीम उत्तरपूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में गई थी और पाया कि मकानों, दुकानों, स्कूलों और वाहनों को व्यापक नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में कहा, ‘हमारा आकलन है कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी जिले में हिंसा एकतरफा और सुनियोजित थी जिसमें अधिकतम नुकसान मुसलमानों के मकानों दुकानों को हुआ।’

इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘व्यापक स्तर पर मदद के बिना ये लोग अपना जीवन फिर से नहीं संवार पाएंगे। हमें लगता है कि दिल्ली सरकार द्वारा घोषित मुआवजा इसके लिए पर्याप्त नहीं है।’ खान ने कहा कि टीम ने चांद बाग, जाफराबाद, बृजपुरी, गोकलपुरी, मुस्तफाबाद, शिव विहार, यमुना विहार, भजनपुरा और खजूरी खास सहित विभिन्न इलाकों का दौरा किया।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘हम जहां भी गए हमने पाया कि मुसलमानों के मकानों, दुकानों को व्यापक नुकसान हुआ है।’ डीएमसी के सदस्य करतार सिंह 2 मार्च को उत्तर-पूर्वी दिल्ली गए थे। उन्होंने बताया, ‘यह सब सुनियोजित तरीके से हुआ है। यह दंगा अचानक नहीं हुआ। इन दंगों में उन सभी बिल्डिंगों पर कब्जा किया गया, जो कि इन इलाकों में सबसे बड़ी और ऊंची थीं। उनको टारगेट करके वहां से सब कुछ किया गया है।’

करतार ने कहा, ‘हिंसा में बाहर से लोग भी शामिल रहे और वे लोग दंगों के दौरान 24 घंटे इन बिल्डिंगों में रह रहे थे। ये सभी लोग दंगा भड़काने के लिए तैयार किए गए थे और उनके कपड़े भी अलग थे। अभी हम फिलहाल जांच के लिए एक टीम बनाएंगे जो कि इन सभी पहलुओं की जांच करेगी।’

साभार ई.खबर

Exit mobile version