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दुनिया में सबसे अधिक ख़तरा पत्रकारों को है ?

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस का कहना है कि जब पत्रकारों को निशाना बनाया जाता है तो पूरे समाज को उसकी क़ीमत अदा करनी पड़ती है।

यह बात उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से पत्रकारों के विरुद्ध अपराध को रोकने का दिन मनाए जाने के अवसर पर कही।

डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव का कहना था कि पत्रकार यदि सुरक्षा के साथ अपना काम नहीं कर सकेंगे तो दुनिया को उलझन और ग़लत मालूमात का सामना करना पड़ेगा, पत्रकारों की रक्षा करने में विफलता से हमारी मालूमात रखने और फ़ैसला करने की क्षमता भी प्रभावित हो गयी।

वाशिंग्टन में अमरीकी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता मोरगन औरटाग्स का कहना था कि दुनिया के कई देशों में पत्रकारों को उनकी पेशावराना सेवाएं अंजाम देने पर हत्या, हिंसा, जेल और प्रताड़ित किए जाने का सामना है।

उनका कहना था कि वह भ्रष्ट शासकों के अत्याचारों को सामने लाने, आतंकवादियों और अपराधी संगठनों के विरुद्ध काम करने, अल्पसंख्यकों की आवाज़ बनने और ग़लत मालूमात का जवाब देने की वजह से कठिन समस्याओं का सामना करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ की शिक्षा, साइन्टफ़िक और सांस्कृतिक संस्था यूनेस्को ने पत्रकारों को पेश आशंकाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि 2006 से 2018 के बीच एक हज़ार 100 मीडिया कर्मियों की हत्या के 90 प्रतिशत ज़िम्मेदारों पर आरोप तय नहीं किए गये।  रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्रकारों की हत्या की घटनाओं में पिछले 5 साल में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

आंकड़ों के अनुसार पत्रकारों के लिए सबसे ख़तरनाक देश अरब देश हैं जहां पर हर तीन मे से एक पत्रकार की हत्या हुई। इसके बाद लैटिन अमरीका जहां 26 प्रतिशत और एशिया पैसेफ़िक जहां 24 प्रतिशत हत्या हुई, सबसे ख़तरनाक पाए गये।

साभार – पार्सटूडे

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