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नया मोटर व्हीकल एक्ट यूपी में लागू नहीं

न्यूज़ डेस्क (यूपी)वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नया मोटर व्हीकल एक्ट-2019 अौर बढ़े जुर्माने के पक्ष और विपक्ष में सोशल साइट्सों से लेकर हर तरफ चर्चा हो रही है। इतना ही नहीं गलत ढंग से हो रहे चालान पर भी चर्चा तेज है। गुरुवार को इसी मुद्दे पर चर्चा हुई। प्रेस कान्फेस में सभी लोग इस बात पर सहमत दिखे कि पहले लोगों को जागरूक करें, सड़क, ट्रैफिक सिग्नल, पार्किंग समेत अन्य समस्याओं का निदान करें और फिर चालान करें। केवल चालान करने से ट्रैफिक व्यवस्था स्मार्ट नहीं हो जाएगी।

कान्फ्रेन्स में आए एसपी ट्रैफिक श्रवण कुमार सिंह ने साफ किया कि प्रदेश में संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट अभी लागू नहीं है। उन्होंने माना कि कुछ कमियां हैं जिन्हें दूर करने की जरूरत है और इसके लिए कार्य योजना बनाकर उच्चाधिकारियों को दिया गया है। जिन लोगों का चालान गलत तरीके से हुआ है, वह कार्यालय आकर संबंधित कागजात दिखाकर निरस्त करा सकते हैं।

उन्होंने बताया कि फिलहाल पूरा फोकस बाइक सवारों को हेलमेट पहनाने पर है और इसमें काफी हद तक सफलता मिली है। 90 फिसदी लोग हेलमेट पहनकर निकल रहे हैं। फिलहाल रेड सिग्नल, जेब्रा क्रासिंग को लेकर चालान बहुत कम हो रहा है। जब यह पूरी तरीके से सही हो जाएंगे तो इसका भी चालान होगा। संवाद में आए लोगों का कहना था की चालान का कोई विरोध नहीं है। ट्रैफिक नियम का पालन होना चाहिए लेकिन इससे पहले जरूरी है कि सड़कें सही हों, जेब्रा क्रॉसिंग बनी हो, रेड सिग्नल सही से काम करता हो, पार्किंग की व्यवस्था हो।

कागजात लेकर चलने की जरूरत नहीं

एसपी ट्रैफिक ने बताया कि गाड़ी के साथ कागजात लेकर चलना जरूरी नहीं है। इससे बचने के लिए डीजी लॉकर एप पर कागजों को स्कैन करके अपलोड कर दें। इसके बाद मोबाइल से कहीं पर भी कागज दिखाया जा सकता है। इसके बाद भी कोई पुलिकर्मी कागज दिखाने का दबाव बनाता है तो वह गलत है।

सफेद पट्टी में खड़े वाहनों का चालान नहीं

एसपी ट्रैफिक ने कहा कि सड़क किनारे बनी सफेद पट्टी के अंदर खड़े वाहनों का चालान नहीं काटा जाएगा। इसके लिए सभी पुलिसकर्मियों और यातायातकर्मियों को कई बार बताया जा चुका है। बावजूद इसके अगर कोई इस तरह का चालान काटता है तो इसकी शिकायत तत्काल मुझसे करें।

व्यापारी बोले, पहले व्यवस्था दें फिर करें सख्ती

शहर में यातायात पुलिस ने खौफ का माहौल पैदा कर दिया है। चालान वसूलने से पूर्व विभाग और शासन को व्यवस्था दुरूस्त करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया और चालान की व्यवस्था हम पर थोप दी गई। व्यापारियों ने कहा कि बाजार में जब तक बड़ी पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो रही है तब तक छोटी पार्किंग बनाएं ताकि खरीदारी करने वाले लोग वाहन खड़ा कर सकें। मैदागिन में दवा मंडी है। प्रतिदिन तीन से चार हजार लोग अपना वाहन खड़ा कर खरीदारी करने जाते हैं। यहां प्रतिदिन सैकड़ों चालान किया जा रहा है। पास स्थित टाउन हाल मैदान को पार्किंग स्थल घोषित कर दें तो वहीं वाहन खड़ा हो सकेगा। प्रशासन के पास कोई और विकल्प हो तो उसे भी बताया जाए। चौराहों पर चालान काटने की बजाय डीएल और इंश्योरेंस कराने की व्यवस्था की जाए।

लोगों ने रखी अपनी राय

चालान काटने की बजाय प्रशासन विकल्प सुझाए। व्यापारी सहयोग के लिए तैयार हैं। चौराहों पर डीएल बनाने की व्यवस्था हो। ताकि लोग वहीं से डीएल बनवा सकें।
-अजीत सिंह बग्गा, व्यापारी नेता

शहर में कहीं भी जेब्रा लाइन नहीं है। ट्रैफिक सिग्नल की लाइट की अवधि ज्यादा होने से प्रतिदिन जाम की समस्या झेलनी पड़ रही है। इसे ठीक कराया जाना चाहिए।
-आरके चौधरी, उद्यमी

मैदागिन पर पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से प्रतिदिन चालान की समस्या आ रही है। यहां मंडी में वाहन खड़ा करने की व्यवस्था नहीं होने से हमलोग लगातार परेशान हो रहे हैं।
-आलोक मिश्रा, कर्मचारी नेता

शहर में चालान के नाम पर लूट मची है। कोई पुलिस वाला किसी की सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में लोगों में पुलिस और प्रशासन के लिखाफ आक्रोश तेजी से बढ़ रहा है।
-प्रेम मिश्रा, व्यापारी नेता

स्पांडिलाइटिस के कई मरीजों को लगातार हेलमेट लगाने से गर्दन पर जोर पड़ता है। इससे तेज दर्द शुरू हो जाता है। ऐसे में मरीजों के लिए विभाग को विकल्प देना चाहिए।
-अनुभव पाण्डेय, कर्मचारी

वाहनों के चालान काटने में धांधली बरती जा रही है। चलती वाहन का चालान भी गलत पार्किंग में खड़ा करने के नाम पर काटा जा रहा है। इसकी शिकायत करने पर भी कोई असर नहीं हो रहा है।
-आशुतोष सिंह, व्यापारी नेता

यातायात पुलिस ने आगे कुआं पीछे खाई की स्थिति पैदा कर दी है। हेलमेट लगाने के बाद भी पुलिसवाले चालान काट रहे हैं। अचानक से लोगों की जेब पर बोझ बढ़ गया है, यह ठीक नहीं है।
-अमित चौरसिया, व्यापारी

हमलोग नौकरी पेशाकर अपना गुजारा कर रहे हैं। ऐसे में जरा सी गलती पर एक माह में तीन से चार चालान भरना हो रहा है। इससे घर की जिम्मेदारी निभाना मुश्किल हो जा रहा है।
-रोहित गुप्ता, कर्मचारी

यातायात पुलिस ने डंडा चलाने के पूर्व व्यवस्था में सुधार नहीं किया और कार्रवाई शुरू कर दी। वहीं कार्रवाई से लोगों के लिए समस्या खड़ी हो गई है।
-राजेशकांत पाठक, कर्मचारी

गलती की महंगी सजा यातायात पुलिस लोगों को दे रही है। वहीं चौराहे पर खड़े पुलिस और यातायात कर्मी किसी की सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में शिकायत भी किससने करें बड़ा प्रश्न है।
-अतुल कुमार पाण्डेय, एडवोकेट

दुकानों के बाहर खड़े वाहनों का भी चालान किया जा रहा है। सफेद पट्टी किनारे खड़े वाहनों का चालान पुलिस बड़े रौब से कर रहे हैं। इनपर लगाम लगाने के लिए कोई नियम बनें।
-अशोक जायसवाल, व्यापारी नेता

सिख संप्रदाय के लोगों का चालान भी इस नियम के तहत काटा जा रहा है। हम पगड़ी के उपर हेलमेट कैसे पहने प्रशासन हमें बताए। यह पहले कभी नहीं हुआ था। लेकिन पुलिस मनमानी कर रही है।
-सन्नी जौहर, व्यापारी

यह कानून हम सब के लिए बेहतर है। लेकिन काशी में इसे लागू करने के पूर्व विभाग को होमवर्क करना चाहिए था। अब भी विभाग को इसपर विचार करना चाहिए। जुर्माना लगाना विकल्प नहीं हो सकता।
-संजय राय, व्यापारी

यातायात पुलिस नए कानून के तहत लोगों का शोषण कर रही है। 15 हजार रुपये की नौकरी करने वाला सामान्य व्यक्ति की पूरी जिन्दगी इससे प्रभावित हो रही है। लेकिन प्रशासन का ध्यान इस पर नहीं है।

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