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पत्रकारों ने खोला मोर्चा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के ख़िलाफ़, मीडिया को डराने का लगा आरोप !

रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने

एडिटर्स गिल्ड समेत कई पत्रकार संगठनों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंधित कथित आपत्तिजनक वीडियो के मामले में पत्रकार प्रशांत कनौजिया, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला की गिरफ़्तारी की निंदा की है।

उत्तर प्रदेश – प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की पुलिस ने शनिवार को तीन पत्रकारों, प्रशांत कनौजिया, इशिका सिंह और अनुज शुक्ला को गिरफ़्तार कर लिया है। ख़बरों के मुताबिक़, जहां स्वतंत्र पत्रकार कनौजिया को उनके ट्वीट के लिए गिरफ़्तार किया गया हैं वहीं इशिका सिंह और अनुज शुक्ला को उनके चैनल नेशन लाइव पर एक कार्यक्रम के लिए गिरफ़्तार किया गया है। इन तीनों पत्रकारों को कथित तौर पर उनके द्वारा साझा किए गए और प्रसारित किए गए एक वीडियो के संबंध में गिरफ़्तार किया गया है। उस वीडियो में एक महिला ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेमिका होने का दावा करते हुए कहा था कि वह उनके साथ अपना जीवन बिताना चाहती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संबंधित कथित आपत्तिजनक वीडियो के मामले में पुलिस द्वारा की गई गिरफ़्तारी को एडिटर्स गिल्ड ने ‘क़ानून का दुरुपयोग’ और प्रेस को डराने का प्रयास बताया है। गिल्ड ने एक बयान में कहा है कि, ‘पुलिस की कार्रवाई कठोरतापूर्ण, मनमानी और क़ानूनों के अधिकारवादी दुरुपयोग के समान है।’ बयान में कहा गया है कि गिल्ड, इसे प्रेस को डराने-धमकाने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने के प्रयास के तौर पर देखती है। बयान में यह भी कहा गया है कि प्राथमिकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ ‘प्रेम संबंध’ होने का दावा करने वाली महिला के वीडियो को ट्विटर पर साझा करने पर आधारित है। गिल्ड ने कहा कि टीवी चैनल ने इस विषय पर वीडियो प्रसारित किया था। उसने कहा, ‘महिला के दावे में जो भी सच्चाई हो, इसे सोशल मीडिया पर डालने और एक टीवी चैनल पर प्रसारित करने के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज करना क़ानून का खुला दुरुपयोग है।’

क्या एक महिला की व्यथा दिखाना या उजागर करना गलत, क्या उसे अभिव्यक्ति करना महिला का संविधानिक अधिकार नहीं ? क्या मीडिया के अधिकार को सीमित करना चाहती हैं सरकारें ? क्या प्रचारित या प्रसारित करना सरकारों से पूँछ करना होगा ? क्या सत्ता पर पदाशीन व्यक्ति पर मीडिया को मौन रहना उचित ?

— मानवाधिकार अभिव्यक्ति , आपकी अभिव्यक्ति ।

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