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पशु तस्करी का नेटवर्क, ईमान बेचकर कई माफ़िया पुलिसकर्मी हैं धंधे में संलिप्त । —- रिपोर्ट – विवेक मिश्र

थरियांव,खागा और कल्यानपुर से संचालित होता था पशु तस्करी का नेटवर्क, ईमान बेचकर कई माफ़िया पुलिसकर्मी हैं धंधे में लिप्त ।

यूपी फ़तेहपुर –   बुलन्दशहर में खुलेआम गौकशी की घटना ने पूरे यूपी को हिला दिया तब जाकर सीएम को याद आया कि गाय गाय चिल्लाकर ही बीजेपी की सरकार उत्तरप्रदेश में बनी है,उन्होंने प्रदेश के नौकरशाहों को इस बाबत जमकर फटकार लगाते हुए गौकशी पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाने के लिए निर्देशित किया। उधर एसटीएफ भी इसी नेटवर्क को तोड़ने में पूरी धुन से लगी थी जिनमें कुछ जिलों से बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के मिलीभगत की बात सामने आयी,वहीं फ़तेहपुर जिले की माने तो यहां अब तक पुलिस अधीक्षक ने नौ पुलिसकर्मियों को पशु तस्करी में संलिप्त होने पर निलम्बित कर दिया है।इस कार्यवाही से जिले में पशु तस्करी पर लगाम जरूर लगी है लेकिन अभी भी माफ़िया पुलिसकर्मी मोबाइल नम्बर बदलकर तस्करों के संपर्क में हैं और थोड़े वक्त के लिए शांत रहने का आश्वासन दे रहे हैं। वहीं जिले में थरियांव और खागा थाना क्षेत्र इस तस्करी के कुख्यात रहा है और हमेशा से मझिलगांव चौकी व महिचा मंदिर चौकी के पचास प्रतिशत पुलिसकर्मी इस धंधे से लिप्त रहे हैं।अभी भी थरियांव थाने व टीम में इस तस्करी के सरगना बैठे हैं जो पूरे नेटवर्क को संचालित करने में अहम रोल निभाते थे वहीं इस बाबत विभाग में सबसे बड़ी चर्चा का विषय यही है कि अगर थानेदार के कारखास सिपाही इस धंधे में लिप्त थे तो उस थानेदार का दामन कैसे साफ हो सकता है जबकि जितने पुलिसकर्मी अब तक चिन्हित हुए हैं उनमें से लगभग सभी अपने थानेदार के चहेते रहे हैं और थानेदार की जेब का पूरा प्रबंध करने में उन्ही की प्रमुख भूमिका होती थी तो आज वह थानेदार किस तरह उनसे अपना पल्ला झाड़ सकते हैं जबकि नियमतः देखें तो जिस थाना क्षेत्र में अवैध कार्यों में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता मिलती है तो सबसे पहले उस सीट के जिम्मेदार से ही सवाल जवाब होता है मगर आज इतने बड़े गैंग के रूप में दर्जनों पुलिसकर्मी पशु तस्करी में संलिप्त पाए गए मगर उस क्षेत्र की सीट के जिम्मेदार पर कोई जांच नहीं हुई,कोई कार्यवाही नहीं हुई ये बड़ा अजीब सा लगता है।खैर इस संलिप्तता पर थानेदार को अफसर नजरअंदाज कर सकते हैं मगर एसटीएफ नहीं। और एसटीएफ के ही एक दरोगा की माने तो अभी जिले के कई पुलिसकर्मी एसटीएफ की निगाह मे हैं और थानेदारों की भी संलिप्तता पर जांच जारी है जल्द ही कुछ बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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