Home अर्थ - व्यापार पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर हुज़ूर ने फोड़ा पहले की सरकारों पर ठीकरा, हुज़ूर उसमे 1999 से 2004 और 2014 से 2019 की सरकार शामिल ?

पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर हुज़ूर ने फोड़ा पहले की सरकारों पर ठीकरा, हुज़ूर उसमे 1999 से 2004 और 2014 से 2019 की सरकार शामिल ?

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पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर हुज़ूर ने फोड़ा पहले की सरकारों पर ठीकरा, हुज़ूर उसमे 1999 से 2004 और 2014 से 2019 की सरकार शामिल ?
PM modi

आपकी अभिव्यक्ति (जनता की अभिव्यक्ति) –

संपादक / समाज सेवक – रवि जी. निगम

पेट्रोल को लेकर हुज़ूर ने पहले की सरकारों को दोषी माना है लेकिन उन्होने ये साफ नहीं किया कि उन पिछली सरकारों में क्या 1999 से 2004 की अटल सरकार और 2014 से 2019 वाली मोदी सरकार शामिल है कि नहीं ? और वो ‘रैलीजीवी’ जो जादू की छडी से 100 दिन में मंहगायी छू मंतर करने और सत्ता पाने के लिये पानी पी-पी कर मनमोहन सरकार को कोसते थे, वैश्विक आर्थिक क्राइसेस के दौर में भी मनमोहन सरकार ने 120 डॉलर बैरल का कच्चा तेल खरीदकर रू. 82/- में जनता के लिये उपलब्ध कराया, वहीं 40 डॉलर बैरल के खरीद के बाद भी रू. 80-82/- में क्योंकर बिक रहा था ये प्रभू जानें ! 2013 में रु. 82/- में पेट्रोल की कीमत पर ‘रैलीजीवियों’ ने बैल गाडी रैली और गैस सिलेण्डर इत्यादि रैलियाँ खूब कीं, हुज़ूर ने भी प्राधानमंत्री बनने के लिये वो सारे जुमलों से वार किया जिसे उन्ही के मित्रों बाद में ‘जुमला’ करार दे दिया, फिलहाल अभी ‘रैलीजीवी’ रैलियों को झंडा दिखा रहे हैं ‘सत्ताजीवी’ बनने के लिये ?

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तमिलनाडु: नॉर्मल पेट्रोल के भाव देश में पहली बार 100 रुपये प्रति लीटर के पार चले गए. वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने आज कहा कि अगर पहले की सरकारों ने देश के एनर्जी इंपोर्ट डिपेंडेंस को कम करने पर ध्यान दिया होता तो मध्यम वर्ग पर बोझ न पड़ता. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों का उल्लेख किए बिना पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात किया गया था और 53 फीसदी गैस का आयात किया गया था. उन्होंने कहा कि अगर इसे कम करने पर पहले कोशिशें की गई होंती तो मिडिल क्लास पर बोझ न पड़ता. उन्होंने तमिलनाडु में तेल और गैस की एक परियोजना के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही.

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सरकार मिडिल क्लास को लेकर संवेदनशील
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार मिडिल क्लास को लेकर संवेदनशील है और इसीलिए वह पेट्रोल में एथेनॉल का हिस्सा बढ़ाने पर फोकस कर रही है. एथेनॉल को गन्ने से प्राप्त किया जाता है. इससे तेल के आयात में कटौती होगी और किसानों को आय का अतिरिक्त स्रोत भी प्राप्त होगा. पीएम मोदी ने कहा कि एनर्जी इंपोर्ट डिपेंडेंस घटाने पर काम चल रहा है.

इसके अलावा रिन्यूअबल एनर्जी सोर्स पर भी काम चल रहा है जिसकी 2030 तक देश में कुल ऊर्जा उत्पादन में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्राकृतिक गैस की भी हिस्सेदारी वर्तमान में 6.3 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की योजना पर काम कर रही है और इसे जीएसटी के तहत लाया जाएगा ताकि कई टैक्सेज से कैस्केडिंग इफेक्ट को खत्म किया जा सके.

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लगातार नवें दिन बढे दाम
लगातार नौवें दिन पेट्रोल के भाव बढ़ने के चलते देश में पहली बार बुधवार 17 फरवरी को नॉर्मल पेट्रोल के भाव 100 के पार चले गए. राजस्थान के श्रीगंगानगर में नॉर्मल पेट्रोल 100.13 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. हालांकि प्रीमियम पेट्रोल के भाव पहले ही कुछ शहरों में 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक हो चुके हैं. भारत अपनी तेल जरूरत का अधिकतम हिस्सा आयात करता है तो इसके भाव इंटरनेशनल प्राइसेज पर निर्भर करते हैं. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं.

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