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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी 25 अक्टूबर को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है, लेकिन साथ ही ये एक तरह से संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है। कोरोना संकट के बीच उन्होंने कहा कि पहले, दशहरे पर बड़े-बड़े मेले लगते थे, लेकिन इस बार उनका स्वरुप अलग है. “रामलीला का त्योहार भी, उसका बहुत बड़ा आकर्षण था, लेकिन उसमें भी कुछ-न-कुछ पाबंदियां लगी हैं। पहले, नवरात्र पर, गुजरात के गरबा की गूंज हर तरफ़ छाई रहती थी, इस बार, बड़े-बड़े आयोजन सब बंद हैं।”

संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व
पीएम ने कहा, आज विजयादशमी यानि दशहरे का पर्व है। इस पावन अवसर पर आप सभी को ढेरों शुभकामनाएं। दशहरे का ये पर्व, असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है, लेकिन साथ ही ये एक तरह के संकटों पर धैर्य की जीत का पर्व भी है। जब हम त्योहार की बात करते हैं, तैयारी करते हैं, तो सबसे पहले मन में यही आता है कि बाजार कब जाना है? इस बार जब आप खरीदारी करने जाएं तो ‘वोकल फॉर लोकल’ का अपना संकल्प अवश्य याद रखें। बाजार से सामान खरीदते समय हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी है।

एक दीया भारत माता के वीरों के नाम
उन्होंने कहा, लॉकडाउन में हमने समाज के उन साथियों को और करीब से जाना है जिनके बिना हमारा जीवन बहुत मुश्किल हो जाता। कठिन समय में ये आपके साथ थे, अब अपने पर्वों में अपनी खुशियेां में भी हमें इनको साथ रखना है। हमें अपने उन जांबाज सैनिकों को भी याद रखना है जो त्योहारों में भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार बनाने हैं। हमें घर पर एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है।

लोकल से वोकल की बात
मोदी ने कहा कि आज जब हम लोकल के लिए वोकल हो रहे हैं तो दुनिया भी हमारे लोकल प्रोडक्ट की फैन हो रही है। हमारे कई लोकल प्रोडक्ट में ग्लोबल होने की बहुत बड़ी शक्ति है। खादी की लोकप्रियता तो बढ़ ही रही है साथ ही दुनिया में कई जगह खादी बनाई भी जा रही है। मेक्सिको में एक जगह है ‘ओहाका’, इस इलाके में कई गांव ऐसे हैं जहां स्थानीय ग्रामीण खादी बुनने का काम करते हैं।

एक भारत-श्रेष्ठ भारत
पीएम ने कहा, हमें निरंतर अपनी क्रिएटिविटी से, प्रेम से, हर पल प्रयासपूर्वक अपने छोटे से छोटे कामों में, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के खूबसूरत रंगों को सामने लाना है,एकता के नए रंग भरने हैं, और, हर नागरिक को भरने हैं। क्या हम इन लोकल फूड की रेसिपी को लोकल सामग्री के नामों के साथ, ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ वेबसाइट पर शेयर कर सकते हैं? यूनिटी और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है।

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