फर्रुखाबाद (यूपी) जिले में तत्कालीन सीओ सिटी ने भ्रष्टाचार की जांच के मामले में बचने के लिए फर्जी शपथपत्र दिया है। शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ के इंस्पेक्टर को लिखकर दिया है कि उन्होंने कोई शपथपत्र नहीं दिया है। वहीं नोटरी वकील ने भी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है।
तत्कालीन सीओ सिटी मन्नी लाल गौंड के खिलाफ नगला दीना सैनिक कालोनी निवासी वकील अनूप शाक्य, गांव टिमरुआ निवासी सुनील दिवाकर सहित तीन वकीलों ने मुकदमे में एफआर लगाने के नाम पर एक लाख रुपये मांगने की शिकायत राज्यपाल से की थी।
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राज्यपाल ने इसकी जांच सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ के एसपी शंभूनाथ को दी थी। उनके आदेश पर इंस्पेक्टर आराधना सिंह ने मन्नी लाल गौंड और शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए थे। इसी बीच मन्नी लाल नवंबर 2020 में रिटायर हो गए।
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शपथपत्र जांच
भ्रष्टाचार की जांच के चलते उनकी पेंशन आदि देयक रोक दिए गए। अपनी पेंशन व अन्य देयकों का भुगतान कराने के लिए उन्होंने शिकायतकर्ताओं की ओर से शपथपत्र जांच अधिकारी को दिया। इसकी सच्चाई जानने के लिए शनिवार को इंस्पेक्टर आराधना सिंह फतेहगढ़ स्थित कचहरी पहुंचीं। वहां उन्होंने शपथपत्र की सच्चाई परखी। शिकायतकर्ता वकील अनूप शाक्य व सुनील दिवाकर ने उन्हें लिखकर दिया कि उन्होंने इस तरह का कोई शपथ पत्र दिया ही नहीं है। जो शपथपत्र दिया गया है उसमें उनके हस्ताक्षर भी नहीं हैं।
शपथ पत्र बनाने वाले कथित नोटरी वकील ने भी अपने हस्ताक्षर होने से इनकार कर दिया है। ऐसे में भ्रष्टाचार की जांच का दंश झेल रहे जनपद अलीगढ़ निवासी तत्कालीन सीओ सिटी मन्नी लाल गौंड को पेंशन व अन्य देयकों के लिए लंबा इंतजार करना होगा।
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