बिहार में आखिरी चरण का मतदान 11 नवंबर को समाप्त होने के बाद लोगों की नजर शुक्रवार को आने वाले चुनाव नतीजों पर है। इसी बीच कई न्यूज चैनल और सर्वे एजेंसियां एग्जिट पोल जारी कर रही हैं। अभी तक सामने आए अधिकतर पोल्स में बिहार में फिर से नीतीश कुमार की सरकार बनने का अनुमान जताया गया है। बुधवार को एक्सिस माई इंडिया ने बिहार को लेकर एग्जिट पोल जारी किया है। एक्सिस माई इंडिया ने यह पोल 243 विधानसभा में किया है। उनका सैंपल साइज करीब 42 हजार लोगों का है। एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। राजद को 67-71 सीटें मिलने का अनुमान है। जदयू को 56 से 62 सीटें जबकि भाजपा को 50 से 56 वोट मिलने के आसार हैं। कांग्रेस की बात करें तो उसे 17 से 21 सीटें, लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 11 से 16 सीटें, हम(S) को दो से तीन सीटें, आरएलएम को दो से चार सीटें मिल सकती हैं, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज को पोल में एक भी सीट नहीं दी गई है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि एनडीए को 41 प्रतिशत पुरुष और 45 प्रतिशत महिला वोट मिलेंगे, जबकि महागठबंधन को 42 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिला वोट मिलेंगे। एक्सिस माई इंडिया ने बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए को 43 फीसदी और महागठबंधन को 41 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान लगाया है। सर्वे एजेंसी के मुताबिक, प्रशांत किशोर की जनसुराज को चार प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। वहीं 12 फीसदी वोट अन्य के खातों में जा सकते हैं। 48 प्रतिशत महिलाओं ने एनडीए को वोट किया। 37 प्रतिशत महिलाओं ने महागठबंधन को वोट किया। 42 प्रतिशत किसान ने एनडीए को वोट किया। 43 प्रतिशत किसान ने महागठबंधन को वोट किया। 43 प्रतिशत निजी कर्मचारियों ने एनडीए को वोट किया। 38 प्रतिशत निजी कर्मचारियों ने महागठबंधन को वोट किया। 43 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों ने एनडीए को वोट किया। 37 प्रतिशत सरकारी कर्मचारियों ने महागठबंधन को वोट किया। एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए को 121 से 141 के बीच सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। महागठबंधन को 98-118 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। वहीं जनसुराज को 0-2, एआईएमआईएम को 0-5 और अन्य को 1-5 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार में मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद तेजस्वी यादव ही है। 22 फीसदी मतदाता ने नीतीश कुमार का नाम लिया तो 34 फीसदी मतदाताओं ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पहली पसंद बताया। बिहार के चंपारण क्षेत्र की बात करें तो सर्वे में एनडीए को 12 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं महागठबंधन के खाते में नौ सीटें आ सकती हैं। इस क्षेत्र में एनडीए को 44% और महागठबंधन को 41 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है। सीमांचल के क्षेत्र में एनडीए को 8 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं महागठबंधन को 15 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। सीमांचल क्षेत्र में प्रशांत किशोर की जनसुराज को भी एक सीट मिलने की संभावना जताई गई है। कोसी क्षेत्र की 31 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जताई गई है। इन 31 सीटों में से एनडीए को 16 और महागठबंधन को 15 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। वहीं इन सीटों पर एनडीए का वोट शेयर 43 फीसदी और महागठबंधन को 42 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है। कोसी क्षेत्र में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को 4 फीसदी और अन्य को 11 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। भोजपुर क्षेत्र की 48 सीटों में से एनडीए को 27 और महागठबंधन को 21 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। वहीं इन सीटों पर एनडीए का वोट शेयर 42 फीसदी और महागठबंधन को 40 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है। पाटलिपुत्र क्षेत्र की 60 सीटों में से एनडीए को 35 और महागठबंधन को 25 सीटें मिलने का अनुमान है। मिथिलांचल क्षेत्र की 58 सीटों में से एनडीए को 32 और महागठबंधन को 25 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। टुडेज चाणक्य के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगियों को 160 सीटें मिलेंगी (12 सीटों के प्लस-माइनस मार्जिन के साथ), जबकि राजद और उसके सहयोगियों को 77 सीटें मिलेंगी (12 सीटों के प्लस-माइनस मार्जिन के साथ)। इसके अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगियों को 44 फीसदी (प्लस-माइनस 3 प्रतिशत) वोट मिलेंगे और राजद व उसके सहयोगियों को 38 प्रतिशत (प्लस-माइनस 3 प्रतिशत) वोट मिलेंगे। 18 फीसदी वोट अन्य दलों के खाते में जा सकते हैं। टुडेज चाणक्य के आंकड़ों के अनुसार, यादव वोट बैंक अब भी राजद के साथ मजबूती से खड़ा नजर आ रहा है। सर्वे के मुताबिक, राजद को 67 फीसदी यादव वोट मिल सकते हैं, जबकि भाजपा गठबंधन को केवल 23 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान है।

