Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद को लेकर छिड़ा विवाद, पीएम सुनक ने भी उठाया मुद्दा

ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद को लेकर लेबर पार्टी के भीतर विवाद छिड़ गया है। दरअसल पार्टी की आंतरिक अनुशासन प्रक्रिया के बाद ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद डायने एबॉट के फिर से चुनाव लड़ने की संभावनाओं पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं। डायने एबॉट का आरोप है कि उन्हें बतौर लेबर पार्टी उम्मीदवार चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है। दावा है कि नस्लवाद को लेकर उनकी टिप्पणी के चलते ऐसा किया जा रहा है। 

डायने एबॉट साल 1987 में पहली बार हैकनी नॉर्थ और स्टोक न्यूइंगटन से सांसद चुनी गईं थी। वह ब्रिटेन की पहली अश्वेत महिला सांसद हैं। 70 वर्षीय एबॉट ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘संसदीय लेबर पार्टी का सदस्य बनने में मुझे खुशी होगी और मैं लेबर पार्टी की जीत के लिए प्रचार करूंगी, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि मेरी उम्मीदवारी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जिससे मैं निराश हूं।’ जब इस बारे में लेबर पार्टी के नेता कीर स्टर्मर से सवाल किया गया तो उन्होंने एबॉट के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध की बात से इनकार किया, लेकिन ये कहा कि अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है और जांच चल रही है। 

पीएम ऋषि सुनक भी विवाद में कूदे
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी इस मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘लेबर पार्टी को एबॉट से जुड़े मुद्दे पर अपना पक्ष साफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेबर पार्टी कह रही है कि एबॉट मामले की जांच चल रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह जांच महीनों पहले ही समाप्त हो गई थी।’

क्या है विवाद
दरअसल एबॉट ने पिछले साल अप्रैल में ऑब्जर्वर में लिखे एक लेख में बताया था कि आयरिश, यहूदी लोगों को ब्रिटेन में पूर्वाग्रहों से जूझना पड़ता है और यह एक तरह से नस्लवाद के समान है। एबॉट के इस दावे के बाद पार्टी ने जांच शुरू की थी। हालांकि बाद में एबॉट ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांग ली थी। 

Exit mobile version