रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
भारत के राज्य मणिपुर के राजनैतिक अलगाववादी नेताओं ने भारत से एकपक्षीय स्वतंत्रता और ब्रिटेन में निर्वासित सरकार की स्थापना की घोषणा कर दी।
देश-विदेश – एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन से भारत की स्वतंत्रता के 2 साल बाद 1949 में मणिपुर राज्य भारत का भाग बना था किन्तु वहां के स्थानीय लोग दशकों से सशस्त्र अलगावादी अभियान चला रहे हैं।
स्वगठित मणिपुर स्टेट काउंसिल के विदेशी मामलों के मंत्री नारिनगबान समरजीत ने कहा कि निर्वासित सरकार स्वयं को संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता दिलाने प्रयास करेगी।
मणिपुर राज्य की स्वतंत्रता की घोषणा ऊंची आवाज़ में पढ़ने के बाद उन्होंने लंदन में पत्रकारों को बताया कि आज 30 अक्तूबर से यहां से निर्वासित सरकार चलाएंगे।
नारिनगबान समरजीत ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता हासिल करने के लिए विभिन्न राष्ट्रों स्वयं को स्वीकार करवाएंगे, हमें आशा है कि कई देश हमारी स्वतंत्रता को स्वीकार करेंगे।
उन्होंने कहा कि वह आशान्वित हैं कि दुनिया मणिपुर की स्वतंत्रता की वजह से समर्थन करेगी। उनका कहना था कि हम भारत में स्वतंत्र नहीं हैं और हमारा इतिहास तबाह होने जा रहा है और हमारी सभ्यता समाप्त होती जा रही है।
अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को सुनना चाहिए, हम पूरी दुनिया के सामने आवाज़ उठाते हैं कि मणिपुर में रहने वाले लोग इन्सान हैं।
ज्ञात रहे कि मणिपुर का शुमार भारत के पूर्वोत्तरी राज्यों “सेवन सिस्टर्ज़ में शामिल छोटे राज्यों में होता है जिसकी आबादी 28 लाख के निकट है।