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भारतीय मूल का शख्स हमवतन को घायल करने के मामले में दोषी करार, सजा नवंबर में सुनाई जाएगी

भारतीय मूल के एक व्यक्ति को हमवतन को चोट पहुंचाने के मामले में दोषी ठहराया गया है। पीड़ित की गर्दन और सिर पर चोटें आ गईं थीं, जिसके कारण पांच दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। 

जमानत पर बाहर दौरान एक लोक सेवक को गलत जानकारी देने के आरोप में शक्तिवेल शिवसूरियन (33 वर्षीय) को दोषी ठहराया गया है। ‘द स्ट्रेट टाइम्स’ के मुताबिक, शक्तिवेल को नवंबर में सजा सुनाई जाएगी, जिसके लिए उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्सी से उतरने के बाद शक्तिवेल और मंजूनाथ लुइस रवि के बीच बहस हो गई थी। इस दौरान शक्तिवेल ने मंजूनाथ को घूंसा मारा था, जिसके बाद वह जमीन पर गिर गए थे। अदालती दस्तावेजों में दोनों व्यक्तियों के बीच किसी तरह के संबंध का जिक्र नहीं किया गया था। रिपोर्ट में दोनों की राष्ट्रीयता के बारे में भी नहीं बताया गया। 

16 दिनों तक चली सुनवाई में बचाव पक्ष का रुख यह था कि मंजूनाथ को लगी शुरुआती चोट घातक नहीं थी। इसके बजाय, जब शक्तिवेल ने जब उन्हें उठाने की कोशिश की तो वह गिर गए, जिससे शुरुआती चोट गंभीर हो गई और परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हो गई। 

अदालत के दस्तावेजो के मुताबिक, जिला न्यायाधीश जेम्स एलिशा ली ने कहा कि उन्होंने शक्तिवेल के वकील वासवानी संजीव के सबूतों को स्वीकार किया है कि जब मंजूनाथ जमीन पर गिरे तो शक्तिवेल और एक महिला ने उन्हें उठाने की कोशिश की, इस दौरान वह दो बार जमीन पर गिर पड़े।  

न्यायाधीश ने यह भी कहा कि वह इस सबूत को स्वीकार करते हैं कि शक्तिवेल एंबुलेंस के आने से पहले मंजूनाथ को एक जगह पर ले गए थे, जहां पर घास थी। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर संदेह है कि अगर मंजूनाथ को नीचे नहीं गिराया गया होता और उनके साथ हाथापाई नहीं की गई होती तो क्या उनकी मौत गिरने से लगी शुरुआती चोट से हुई होती।

उन्होंने आगे कहा, अगर पीड़ित को गिरने से चोट नहीं लगी होती, तो उन्हें गिराने और हाथापाई करने से उनकी मौत नहीं होती। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, मंजूनाथ, एक महिला, शक्तिवेल और शक्तिवेल की पत्नी 18 जुलाई, 2020 को रात लगभग 11 बजे एक टैक्सी में थे। शक्तिवेल और मंजूनाथ के बीच एक विवाद हो गया था। झगड़े के दौरान मंजूनाथ गिर गए और उनका सिर जमीन पर लग गया। 

पीड़ित को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनके पिता उड़ान भरने और उनसे मिलने में सक्षम नहीं थे। उन्हें 23 जुलाई, 2020 को वेंटिलेटर से हटा दिया गया था और उसी दिन उनकी मृत्यु हो गई। शव परीक्षण से पता चला था कि मंजूनाथ की बाईं आंख के ऊपर की हड्डी में एक छोटी सी दरार थी और उसकी रीढ़ की हड्डी अलग हो गई थीं।

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