32 C
Mumbai
Friday, October 18, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

भारतीय मूल के पूर्व मंत्री पर 13 अगस्त से शुरू होगा केस, अदालत का मुकदमे से पहले बयान देने से इंकार

सिंगापुर की एक अदालत ने भारतीय मूल के पूर्व मंत्री एस ईश्वरन की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दिया। याचिका में उन्होंने अभियोजन पक्ष को अपने खिलाफ कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मुकदमे के लिए सभी गवाहों के बयान सौंपने के लिए बाध्य करने की मांग की थी। इस मामले पर मुकदमा अगले महीने शुरू हो रहा है।

भारतीय मूल के पूर्व केंद्रीय मंत्री एस ईश्वरन पर 35 आरोप हैं, जिन पर कार्रवाई होनी है। चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के अनुसार ईश्वरन पर सरकारी कर्मचारी के तौर पर कीमती सामान प्राप्त करने के 32 मामले, भ्रष्टाचार के दो मामले और न्याय में बाधा डालने का एक मामला शामिल है। इस रिपोर्ट के अनुसार पूर्व परिवहन मंत्री के खिलाफ इन आरोपों से संबंधित मुकदमा 13 अगस्त को हाई कोर्ट में शुरू होना है। 

ईश्वरन के वकील जून में हुई सुनवाई में अपना पहला प्रयास पहले ही हार चुके हैं। इसके बाद 5 जुलाई दूसरे प्रयास में आपराधिक पुनरीक्षण सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति विंसेंट होंग ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता में ऐसा नहीं लिखा है कि अभियोजन पक्ष को अपने गवाहों के सभी सशर्त बयानों या उन गवाहों के मसौदा बयानों का खुलासा करना आवश्यक है। इस तर्क को मानने का आपराधिक प्रक्रिया में कोई प्रावधान नहीं है।

उन्होंने बचाव पक्ष के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रक्रिया का दुरुपयोग या गंभीर अन्याय हुआ है। अभियोजन पक्ष ने कहा कि बचाव पक्ष अभियोजन पक्ष की स्थिति को गलत तरीके से प्रस्तुत कर रहा है। साथ ही बचाव पक्ष ने खुद ही अपनी स्थिति बदल दी है। 

अभियोजन पक्ष ने ईश्वरन की पत्नी टेलर के मैरी और उनके तत्कालीन निजी सहायक आइवी चैन वान हियांग सहित 56 गवाहों की सूची का खुलासा किया है। यदि लोक सेवक के रूप में कोई मूल्यवान वस्तु प्राप्त करने का दोषी पाया जाता है, तो ईश्वरन को दो साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अगर उसे भ्रष्ट तरीके से रिश्वत लेने का दोषी पाया जाता है, तो उसे सात साल तक की जेल, 100,000 सिंगापुर डॉलर (74,400 अमेरिकी डॉलर) तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। अगर उसे न्याय में बाधा डालने का दोषी पाया जाता है, तो उसे सात साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकता है।

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here