पूर्वी अरुणाचल प्रदेश के भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में तैनात भारतीय सेना की दाओ डिविजन ने अग्रिम इलाकों में एक संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सैनिकों की संचालन क्षमता, समन्वय और मिशन तत्परता को और अधिक सुदृढ़ करना था। कठोर भौगोलिक परिस्थितियों और ऊंचाई वाले इलाकों में किए गए इस अभ्यास के दौरान सैनिकों ने विभिन्न परिचालन परिदृश्यों का अनुकरण किया, जिनमें टीमवर्क, सामरिक प्रतिक्रिया और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपीएस) का अभ्यास शामिल था। सेना अधिकारियों के अनुसार, यह अभ्यास न केवल सैन्य इकाइयों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने के लिए था, बल्कि लॉजिस्टिक प्रबंधन, संचार व्यवस्था और संयुक्त योजना निर्माण की प्रभावशीलता को परखने के लिए भी किया गया। इस दौरान सैनिकों ने कठिन मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और अनुकूलन क्षमता का प्रदर्शन किया। अभ्यास का मुख्य लक्ष्य था कि सैनिक हर परिस्थिति में सटीकता और आत्मविश्वास के साथ अपने परिचालन दायित्व निभा सकें। सेना की दाओ डिविजन द्वारा ऐसे नियमित और वास्तविक प्रशिक्षण अभियानों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पूर्वी सेक्टर में भारत-चीन सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना हर समय तैयार रहे। अभियान के दौरान अधिकारियों ने कहा कि यह प्रशिक्षण भारतीय सेना की व्यावसायिकता, अनुशासन और सतत तत्परता की परंपरा को और मजबूत बनाता है, जिससे सीमाई इलाकों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सहायता मिलेगी।

