संयुक्त राष्ट्र की महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया, जो फिलिस्तीन-इस्राइल संघर्ष का शांतिपूर्ण हल निकालने की दिशा में दो-राज्य (two-state) सिद्धांत को स्वीकार करने का आह्वान करता है। भारत ने इस प्रस्ताव को समर्थन दिया।
प्रस्ताव को कुल मतों में से 142 देशों ने समर्थन किया, 10 ने इसका विरोध किया, और 12 देशों ने तटस्थ रहने का फैसला किया। विरोध करने वालों में अमेरिका और इस्राइल के अलावा कुछ अन्य देशों का नाम है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि गाजा युद्ध को तुरंत रोका जाए, मानवीय संकटों को समाप्त किया जाए, तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि दोनों पक्षों के बीच न्यायपरक और टिकाऊ संवाद हो। प्रस्ताव में फिलिस्तीनी राज्यों की संप्रभुता, अस्तित्व और सुरक्षा को मान्यता देने की अपील की गई है।
साथ ही सुरक्षा परिषद में एक अन्य प्रस्ताव को अस्वीकृति मिली जिसमें ईरान पर लगे ‘snapback’ प्रतिबंधों को हटाने का प्रस्ताव था। यह प्रस्ताव आवश्यक संख्या समर्थन नहीं जुटा सका, इसलिए वह पास नहीं हो पाया।
इस तरह की घोषणाएँ विश्व राजनीति में इस्राइल-फिलिस्तीन संघर्ष व मध्य-पूर्व की स्थिरता पर भारत की स्थिति को दर्शाती हैं, जहाँ देश ने परस्पर और शांतिपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संधियों व प्रस्तावों का पक्ष लिया है।