Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

भारत ने UNSC में चीन पर साधा निशाना, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सतर्क रहने को कहा कर्ज के जाल को लेकर

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में भारत ने मंगलवार को चीन पर निशाना साधा। भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे खतरों से सतर्क रहना चाहिए, जो कर्ज जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाते हैं। यूएनएससी की इस बैठक की अध्यक्षता चीन ही कर रहा था। भारत का इशारा बीजिंग की ‘कर्ज जाल की नीति’ की ओर था। 

यूएन में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर आर. मधुसूदन ने सोमवार को कहा, ‘अगर संसाधनों की कमी बनी रही तो शांति महज दिखावा होगी और विकास एक दूर का सपना रह जाएगा। इसलिए, भारत ने अपनी मौजूदा जी-20 अध्यक्षता सहित विभिन्न मंचों पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधारों की दिशा में काम किया है।’

मधुसूदन इस पंद्रह सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र निकाय में नवंबर महीने के लिए आयोजित खुली बहस में बोल रहे थे। इसका विषय ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा का रखरखाव: सामान्य विकास के जरिए शांति को बढ़ावा देना’ था। उन्होंने सुझाव दिया कि हमें पारदर्शी और न्यायसंगत वित्तपोषण पर काम करना चाहिए और अस्थिर वित्तपोषण के खतरों को लेकर सतर्क रहना चाहिए, जो कर्ज जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाता है।   

उन्होंने आगे कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त राष्ट्र ने कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन रंगभेद या खाद्य, ईंधन, उर्वरकों और बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए संघर्ष किया है, जिसने वैश्विक दक्षिण (ग्लोबल साउथ) को अन्यायपूर्ण तरीके से प्रभावित किया है। यह बताने के लिए काफी है कि प्रतिनिधित्व के बिना वैश्विक दक्षिण की आवाज खो जाती है।

भारत ने यूएनएसी की स्थायी सदस्यता के विस्तार पर जोर देते हुए कहा कि इक्कीसवीं सदी की उम्मीदों और जरूरतों के अनुरूप संयुक्त राष्ट्र बहुपक्षवाद के जरिए ही संभव है, खासतौर पर सुरक्षा परिषद की सदस्यता के विस्तार के माध्यम से। मधुसूदन ने कहा, युद्धों, संघर्षों, आतंकवाद, अंतरिक्ष दौड़ और नई उभरती तकनीकियों के खतरों से मुक्त हमारे सामूहिक भविष्य को बनाने के लिए शांति, सहयोग और बहुपक्षवाद जरूरी है। 

Exit mobile version