29 C
Mumbai
Friday, October 18, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

भारत में बढ़ती मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़ मोदी को पत्र लिखना पड़ा भारी, ५० लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी

भारत के प्रधानमंत्री को देश में भीड़ द्वारा लोगों को पीट-पीट कर मारने की बढ़ती घटनाओं के ख़िलाफ़ पत्र लिखने वाले लोगों के ख़िलाफ़ ही मामला दर्जा हो गया है।

देश – भारतीय फ़िल्म उद्योग के कई कलाकारों व फ़िल्मकारों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में फ़िल्म उद्योग के लगभग 50 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। जिन लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्जा कराई गई है उनमें रामचंद्र गुहा, मणि रत्नम, अनुराग कश्यप और अपर्णा सेन जैसे मशहूर सिनेकर्मी शामिल हैं। बताया गया है कि लोकल अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा दर्ज किए गए केस पर सुनवाई करते हुए चीफ़ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट सूर्य कान्त तिवारी ने यह फ़ैसला सुनाया था, जिसके बाद यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। ओझा ने बताया कि दस्तख़त करने वाले 50 लोगों पर देश की इमेज ख़राब करने और प्रधानमंत्री के बढ़िया काम को कम आंकने का आरोप लगाया था।

पुलिस के अनुसार यह एफ़आईआर भारतीय पीनल कोड की कई धाराओं के अंतर्गत दर्ज की गई है, जिनमें देशद्रोह, सार्वजनिक उपद्रव, धार्मिक भावनाओं को आहत करना और शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना शामिल है। उल्लेखनीय है कि हिंदी फ़िल्म उद्योग की कई हस्तियों ने प्रधानमंत्री मोदी को जुलाई में एक खुला ख़त लिखा था और मांग की थी कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े क़ानून बनाए जाएं और आरोपियों को कड़ी सज़ा दी जाए। पत्र में लिखा गया था कि संविधान भारत को एक धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र बताता है, जहां हर धर्म, समूह, लिंग और जाति के लोगों के बराबर के अधिकार हैं। पत्र में यह भी लिखा था कि प्रधानमंत्री के मात्र ऐसी घटनाओं की आलोचना कर देने से काम नहीं चलेगा।

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here