Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

मानवाधिकार अभिव्यक्ति, आपकी अभिव्यक्ति –

आने वाले दिनों में कैसे देश एक बहुत बड़ी आर्थिक मुसीबत से गुजरने वाला है, ये पढियेगा जरूर, आपके काम की चीज़ है :

जुलाई से अक्टूबर 2017 के िलए कुल जमा GST में से एक्सपोर्टर्स sector ने 65000 करोड़ का रिफंड वापस मांग लिया है जिससे सरकार के तोते उड़ गए हैं।
.

1. इस हिसाब से लगभग 2 लाख करोड़ एक्सपोर्ट पर अबसे रिफंड हुआ करेंगे।

2. ये रिफंड पहले के ड्यूटी रिफंड जो होते थे उस से 3 गुना है और वो भी 3-5% की बजाय अब 18-28% पर होगा।

3. सरकार ने इस बारे में नहीं सोचा था, और अब ये पहले के सालाना refunds के मुकाबले 3 गुना होगा।

4. अब 65000 करोड़ 4 महीने के लिए सरकार के पास पड़े रहेंगे, और GSTR 3 भरने के बाद ही रिलीज़ होंगे, मतलब की नवंबर अंत से पहले नहीं हो सकेगा।

5. तो काम करने की पूँजी अब एक्सपोर्टर्स की जब्त रहेगी, जिस कारण से नए आर्डर वो नहीं ले पाएंगे तब तक।

6. इसी कारण से अब एक्सपोर्ट के आर्डर 15-20% कम हो गए हैं, एक्सपोर्ट के लिए सबसे बढ़िया समय के लिए (क्रिसमस)

7. अब इसके इफ़ेक्ट नवंबर-दिसंबर से दिखने शुरू होंगे, और 1 करोड़ के करीब नौकरिया जाएंगी, तथा इकॉनमी और नीचे जायेगी।

8 हमारी जीडीपी का 40% हिस्सा यही फॉरेन ट्रेड है, और ये पिछले 70 सालों में इकॉनमी को लगा सबसे बड़ा झटका होगा।

9. सरकार को जब होश आया तो उन्होंने इसके लिए इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है 6 अक्टूबर को, यानी Preplanned मीटिंग date से काफी पहले।

10. अब ये भारतीय इकॉनमी के लिए बड़ी संकट की घडी हो गयी है क्यूंकि GST से कमाई तो जो सोची थी वो हो नहीं पाई, उलटा एक्सपोर्ट सेक्टर को और बट्टा लग गया है।

11. अब गूगली ये है की सरकार के पास 65 हज़ार करोड़ है ही नहीं इस समय देने के लिए।

12. यानी की देश में आर्थिक संकट आ गया है जो इस देश ने ना पहले कभी देखा था और ना ही शायद कभी देखेंगे।

13. और भी उलटे कर्म ये की लिए हुए पैसों में से 92% सितम्बर के 15 तक ही इस्तेमाल कर लिए हैं।

14. इनकम टैक्स की कलेक्शन भी 15 सितम्बर तक की 15% कम है अपने तय टारगेट से।

15. अब सरकार एकनॉमिस्ट्स मिनिस्टर्स और प्रधानमन्त्री अगले 2 दिन मीटिंग पे मीटिंग करेंगे के कैसे इस से निबटा जाए।

16. ये अमरीका के ग्रेट डिप्रेशन से भी बड़ा डिप्रेशन हो सकता है और इस से ना केवल सरकार बल्कि देश की साख को भी बट्टा लग सकता है बाहरी मार्किट में।

17. हमारे देश की इकॉनमी अब एक समुद्री तूफ़ान में फंस गयी है जो जल्द ही सुनामी का रूप लेने वाला है।

18. ऐसा ना हो ऐसी हमारी कामना है, लेकिन सरकार ने जो करना था वो कर दिया है, आगे सबको माता रानी से अरदास करनी है की ये सब या तो टल जाए, या हम सब इस से जल्द उबर जाएँ।

– मनोज श्रीवास्तव

Exit mobile version