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मायावती ने केंद्र व प्रदेश सरकार पर साधा निशाना, कहा लॉकडाउन में भी दलितों के प्रति नहीं बदला रवैया।

रिपोर्ट- विपिन निगम

न्यूज डेस्क(नई दिल्ली)। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती नें मंगलवार को नई दिल्ली में डा. भीमराव अंबेडकर जयंती पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने लॉकडाउन में घरों में अंबेडकर जयंती मनाने पर आभार जताते हुए कहा कि लॉकडाउन में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों अन्य उपेक्षित व गरीब काफी दुर्दशा देखने को मिली है। यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान से रोटी-रोजी कमाने गए इन वर्गों को अपने मालिकों व राज्य सरकारों की उपेक्षा से पलायन कर अपने इन मूल राज्यों में वापस आना पड़ा। इनमें करीब 90 प्रतिशत दलित, आदिवासी व पिछड़े और 10 प्रतिशत अन्य समाज के गरीब थे। सरकारों की हीन व जातिवादी मानसिकता के चलते इनको रोका नहीं गया और काफी लोगों को पैदल ही निकलना पड़ा।

उन्होंने कहा कि इन लोगों से कहा अगर जातिवादी व पूंजीवादी पार्टियों के बहकाए में नहीं आए होते तो यह दयनीय दुर्दशा देखने के लिए नहीं मिलती। इसीलिए केंद्र व राज्यों की राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथों में ही लेनी होगी और बसपा की सरकार बनानी होगी। आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रलोभन देकर इनके वोट तो ले लिए, लेकिन संकट की घड़ी में आनन्द बिहार बस अड्डे पर भिजवाकर इन्हें घर वापसी के लिए मजबूर कर दिया।

उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन बढ़ाए जाने का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार को खासकर देश के गरीबों, कमजोर तबकों, मजदूरों, किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के हितों की पूरी मदद का जरूर ध्यान रखना चाहिए। अपने घरों के लिए निकल चुके लोगों की सरकारों को मदद करना चाहिए और भूखों की मदद करनी चाहिए, वरना कोरोना से कम भूखे रहकर ज्यादा मर जाएंगे। बसपा के लोगों से भी अनुरोध किया है कि कोरोना महामारी के चलते सुनिश्चित करेंगे कि उनका कोई भी पड़ोसी भूखा नहीं रहना चाहिए।

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