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मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ने आज राजनीति में कदम रखने का स्पष्ट संकेत दिया। —- रिपोर्ट – डॉ. बीनू वर्गिस

फाइल चित्र –

रजत शर्मा के शो – आपकी अदालत – में साध्वी ने कहा – ‘ यदि राष्ट्र की आवश्यकता होगी और राष्ट्र का आद्वान होगा, तो ज़रूर (राजनीति में आऊंगी).’

साध्वी प्रज्ञा सिंह नौ साल तक जेल में रहने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर इस समय ज़मानत पर हैं. उन्होने आने वाले चुनावों में अपना राजनीतिक झुकाव भी स्पष्ट किया. ‘मोदीजी राष्ट्रभक्त हैं. उन्हें सपोर्ट करने में मुझे की भी दिक्कत नहीं है. ‘

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में साध्वी ने कहा –“राहुल गांथी तो बच्चे हैं. वह देश के नेतृत्व के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं. उनके बयानों में की संयम नहीं है. उनके बयानों देश के कल्याण की बातें नहीं होती. वो देश के बाहर ऐसी बातें करते हैं जिससे विश्व में भारत बदनाम होता है. मोदीजी विदेशों में जाकर भारत का नाम ऊंचा करते हैं. “

रजत शर्मा ने जब यह पूछा कि क्या वह बीजेपी के लिए चुनावों में स्टार कैम्पेनर बनेंगी, साध्वी ने कहा –“कैम्पेनिंग मैं कर सकती हूं, पर किसी व्यक्ति विशेश का प्रचार नहीं करूंगी. देश की सामाजिक सुव्यवस्था और धर्म की स्थापना के लिए मैं अवश्य अपने विचार रखूंगी. “

“ आप की अदालत” शो में साध्वी प्रज्ञा व्हीलचेयर पर बैठकर आईं. उन्हें पिछले साल अप्रैल में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मालेवांद व्लास्ट केस में जमानत दे दी थी, लेकिन पिछले साल दिसम्बर में एन.आई.ए. स्पेशल कोर्ट ने साध्वी और अन्य आरोपियों को मामले में बरी करने की याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

नौ साल जेल में रहने के बाद पहली बार टीवी शो पर विस्तार से इंटरव्यू देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने बताया कि कैसे महाराष्ट्र ए.टी.एस. के पुरुष अधिकारियों ने 24 दिन तक लगातार दिन-रात उन्हें एक्सपेलेर बाले बेल्ट से पीटा.

“ एक्सपेलेर का चौडा पट्टा, उसमें लकडी की मुट्ठ लगी थी, उसी से दिन रात पीटते थे. मेरे हाथ पैर जब सूज जाते थे, तो वे उसे नमक मिले गर्म पानी में डूबोते थे. उसके बाद फिर पिटाई शुरु हो जाती थी. यह अत्याचार अकल्पनीय था. यदि मैं संन्यासी न होती, तो शायद आज जीवित न होती. “

“ पुलिस हिरासत में ए.टी.एस. के पुरुष अधिकारी मुझे गंदी गालियां देते थे, और मुझे अश्लील सीडी देखने के लिए मजबूर करते थे. वे मुझसे जबरन इकबालिया बयान चाहते थे ताकि मैं आर.एस.एस. के बडे अधिकारियों का नाम लूं, पर मैं टस से मस नहीं हुई. “

साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि एक बार स्वामी अग्निवेश उनसे भोपाल जेल में मिलने आए. “ मैं उन्हें ज्यादा जानती नहीं थी. वह भी षडयंत्र का एक भाग थे. उन्होने मुझे ऑफर दिया कि मैं पी. चिदम्बरम,सुशील शिन्दे से कह कर आपको जेल से रिहा करवा दूंगा, अगर आप आरोप स्वीकार कर लें. मैंने उनसे कहा, जाकर चिदम्बरम और शिन्दे को बता दीजिए दि अगर वो ईमानदारी से भी जांच करवा लें, तो मैं जेल के बाहर रहूंगी.”

मुसलमानों के बारे में साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि “ भारत के मुसलमान अच्छे नागरिक हैं, लेकिन उनमें कई ऐसे लोग हैं जो राष्ट्रविरोधी हैं और उनका खात्मा होना जरूरी है.“

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