Site icon Manvadhikar Abhivyakti News

मिला गया रास्ता वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस ख़त्म करने का

मिला गया रास्ता वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस ख़त्म करने का

corona-vaiccine

वाशिंगटन: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में दुनिया भर के वैज्ञानिक लगे हैं. अब इसमें एक नई सफलता मिली है. अमेरिकी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के एक ऐसे प्रोटीन का पता लगाया है, जिसे निशाना बनाकर इंफेक्शन को बढ़ने से पहले ही खत्म किया जा सकता है. इस खोज से ऐसी दवा बनाने का रास्ता खुल गया है, जो वायरस को इंफेक्शन के शुरुआती दौर में ही नष्ट कर सकती है.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

वैज्ञानिकों की इस नई खोज से कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से मुकाबला करने में मदद मिलेगी. वैज्ञानिकों को प्रोटीन स्ट्रक्चर में कोरोना वायरस के लिए खास पॉकेट मिला है, जो वायरस को एक जगह बांधे रखता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस पॉकेट को टारगेट करने वाली दवा कोरोना वायरस को इंफेक्शन के शुरुआती दौर में ही समाप्त कर सकती है.

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

कोरोना वायरस के इंसान के शरीर में तेजी से फैलने में मददगार उस खास प्रोटीन को वैज्ञानिकों ने Nsp16 का नाम दिया है, जिसे ड्रग्स में टारगेट किया जा सकता है. अगर इस प्रोटीन को दवा के जरिए निशाना बनाया जाए तो किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने के फौरन बाद ही बीमारी को बढ़ने से रोककर वायरस को खत्म किया जा सकेगा. शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे लोगों को बीमारी के शुरुआती दौर में ही ठीक किया जा सकेगा.

अमेरिका में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी Feinberg स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने जिक्र किया कि वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए. Feinberg स्कूल ऑफ मेडिसिन में माइक्रोबायोलॉजी-इम्यूनोलॉजी की प्रोफेसर Karla Satchell ने कहा कि भगवान न करे, कि इसकी जरूरत न पड़े, लेकिन हम तैयार रहेंगे.

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

वायरस में पाए जाने वाले इस nsp16 नाम के प्रोटीन के स्ट्रक्चर की मैपिंग भी सबसे पहले वैज्ञानिकों की इसी टीम ने की थी. यह प्रोटीन सभी कोरोना वायरस में मौजूद होता है, लिहाजा इसे निशाना बनाकर महामारी पर प्रभावी रूप से काबू पाया जा सकता है. साइंस सिग्नलिंग नाम के जरनल में छपी लेटेस्ट स्टडी में इस महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जिससे भविष्य के कोरोना वायरस के साथ SARS-CoV-2 के खिलाफ ड्रग के डेवलपमेंट में मदद मिल सकती है.

Exit mobile version