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मेरा बूट सबसे_मज़बूत !

— सज्जाद अली नयाने

रहिमन जूता राखिये, पालिश से चमकाय।
न जाने किस बैठक में, लेन-देन हुई जाय.

ये जूता तो संसदीय है , सिर्फ सांसद से चलता है.‬ ये अस्त्र बगैर लाइसेंस के, नेताओं को मिलता है.‬

‪पैरों में पहना तो, ये पैरों का गहना है,‬
‪हाथों में आ जाये, तो फिर क्या कहना है.‬

‪जूते और आदमी का, दोतरफा रिश्ता निकलता है.
‪कभी आदमी जूते पर, कभी जूता आदमी पे चलता है.

इतना तो मजनू भी, नहीं पिटा था लैला के प्यार में,
जितना विधायक जी, पिट गए अपनी सरकार में !!

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