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मैहर सीमेंट फैक्ट्री के दिये दर्द को झेल रहे ग्रामीण । ———– प्रशांत शुक्ला

मध्यप्रदेश की उद्योग नगरी सतना जिसे पूरे भारत मे सीमेंट उत्पादन क्षेत्र मे आगे माना जाता है आज सतना जिले के मैहर तहसील की बात करेंगे जहाँ तीन बड़ी सीमेंट फैक्ट्री है लेकिन यहाँ उद्योगों द्वारा विकास न के बराबर हुआ है मैहर तहसील में मैहर सीमेंट फैक्ट्री को स्थापित हुए आज कई दशक बीत गए लेकिन इस उद्योगों ने लोगो को सिर्फ प्रदूषण जल समस्या मुकदमे दिए जिसने इसके खिलाफ आवाज उठाई उसकी आवाज ही समाप्त कर दी गई मैहर सीमेंट के प्रदूषण की मार कई गांव झेल रहे है भदनपुर पिपराहट यहाँ पेड़ो को देखा जाए तो सफेद दिखाई देते है इसके ऊपर हमेशा धूल जमी रहती है आसपास लगे खेतो में खेती करना मुश्किल है इस प्रदूषण से लोगो मे कई बीमारियां हो रही है कभी भी इसका परीक्षण भी न प्रशासन न कंपनी द्वारा कराया गया ये सिर्फ कागजो में हुआ है बीजेपी सरकार के पंद्रह वर्ष पूरे होने जा रहे है लेकिन मैहर के ये
उद्योगों ने अपनी सीएसआर राशि का कभी सही उपयोग नही किया न ही सरकार इन उद्योगों से करवा पाई जब कि सीएसआर शासन के द्वारा बनाया एक कानून है जो संबन्धित उद्योग अपने द्वारा किये प्रभावित क्षेत्रों में करते है लेकिन मैहर में मैहर सीमेंट द्वारा नही किया जा रहा इसकी शिकायत भी ग्रामीणों ने कई दफा एसडीएम मैहर कलेक्टर सतना सहित मुख्यमंत्री जी से की लेकिन कोई निर्णय नही आया जिले में हुई कई बैठकों में प्रभारी मंत्री ने भी उद्योगों के जिम्मेदारों को चेताया कि क्षेत्र में सीएसआर की राशि का उपयोग करे लेकिन ऐसा नही हुआ इन उद्योगों द्वारा हमेशा आदेशो की अवहेलना की गई है आप क्षेत्र की अव्यवस्था को देख कर अन्दाजा लगा सकते है जो विकास हुआ सिर्फ शासन की विकास राशि से हुआ!

*युवायों के दर्द बयां करते पिछले दो साल*
मैहर सीमेंट फैक्ट्री से कई युवायों को बिना कारण नौकरी से बाहर निकाल दिया यहाँ तक कारण भी नही बताया गया आज सिर्फ कुछ युवा बड़े लोगो की सिफारिस के बलबूते नौकरी कर रहे है ये आरोप युवायों ने कंपनीे प्रबंधकके ऊपर लगाया क्षेत्र के युवा आज दर दर की ठोकर खा रहे है पिछले दिनों इन उद्योगो संसद दरवार लगा लेकिन अभी तक कोई निर्णय नही आया !

*किसानों को चोट पहुचाने में भी ये उद्योग पीछे नही हटा*
वही किसानों के दर्द की बात करे तो आसपास के कई गांवों के किसानों द्वारा उद्योगों से प्रभावित मुद्दों का खुलासा हो जाएगा कि जहाँ से किसान की पीढ़ी अपने अनाज को उगाने के लिए शतकों से सिचाई कर रही है जो सूखे की स्थिति में भी जल स्त्रोत किसानों का साथ नही छोड़ते थे लेकिन अब इस उद्योग की लंबी चौड़ी गहरी खदानों की वजह से सूख जाते है ये उद्योग किसानों से उनकी सिचाई का पानी छीन रहा है और उन्हें धूल दे रहा है जिससे किसानों के अनाज उत्पादन में भी कमी आ रही है ! लोगो की अपील है कि इस विषय पर कलेक्टर सतना की मध्यता में संबंधित जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में समस्या को लेकर जनसुनवाई होनी चाहिए जिससे इस उद्योग की पोल खुल सके !

 

✍प्रशांत शुक्ला सर्च स्टोरी मैहर

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